
संजय तिवारी की रिपोर्ट
पटना : महिला में पहलवान बेटियों के साथ छेड़छाड़, रेप और देश की महिला आयोग के अध्यक्ष स्वाती के साथ छेड़छाड़ कर कार से 15 मीटर तक घसीटना तो आम महिलाओं के साथ क्या नहीं हो सकता ? केंद्र सरकार चुप क्यूं? माया श्रीवास्तव। उक्त बातें
रविवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर समर्थ नारी समर्थ भारत की राष्ट्रीय सह संयोजिका एवं बिहार, झारखंड वेस्ट बंगाल की प्रभारी ने कहा कि जब दिल्ली पुलिस, दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था केंद्र सरकार के हाथ में है। उसके बाद भी आए दिन महिलाओं के साथ छेड़ छाड़ रेप की घटनाएं घटती रहती है। जब महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती के साथ छेड़ छाड़ और कार से 15 मीटर तक घसीटना तो आम महिलाओं के साथ क्या नहीं हो सकता? सरकार को तो सिर्फ मन की बात सुनने वो जूमले बाजी करने आता है, बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ, बेटी बढ़ेगी तो देश का विकास होगा।
महिलाओं और मासूम बेटियों के उत्पीड़न पर मौन रहना इनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है। ऐसा नही लगता चुप्पी के पीछे गुनाहगार को बचाना है क्योंकि इनकी पार्टी का ही
है।अफशोस है कि बेटियां कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। समर्थ नारी समर्थ भारत की राष्ट्रीय सह संयोजिका माया श्रीवास्तव ने देश मे बढ़ रही बच्चियों व महिलाओं के साथ रेप व यौन शोषण की घटनाओं पर केंद्र सरकार संज्ञान ले और कठोर कानून बनाये।महिलाओं के साथ होने बाले घटनाओं के अभियुक्तों को सजा दिलाने की पद्धति इतनी लचीली है कि अभियुक्त इसी का फायदा उठा बच निकलते है।रेप की घटना जिसके साथ भी हुआ है उसके साथ समाज भी गजब का व्यबहार करता है। इस पुरूष प्रधान समाज मे महिलाओं को अधिक अधिकार तो जरूर प्राप्त है लेकिन अभी भी महिलाओं के साथ न्याय नही मिल पा रहा है। नावालिग बच्चियों को रेप कर मार दिया जाता है, कानून की पध्दति इतनी जटिल होती है कि अंत मे स्थानीय न्यायालय सजा भी मुक़र्रर करती है तो ऊपरी न्यायालय में कई मामलों में आरोपी छूट जाते है। लेकिन ऊपरी अदालत कौन दोषी है उसे चिन्हित नही कर पाती है। श्रीमति श्रीवास्तव ने कहा कि जब तक केन्द्र सरकार कोई कठोर कदम उठाकर कठोरतम कानून का निर्माण नही कर पायेगी तब तक महिलाओं और बच्चियों के साथ रेप व यौन शोषण की घटनाएं घटती रहेगी।