
डिजिटल टीम, डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास)। रोहतास जिले के डालमियानगर स्थित जैन अल्पसंख्यक विद्यालय की जर्जर बिल्डिंग बहुत सारी कहानियां कह रही है। डालमियानगर के प्रतिभावान छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य से इसकी स्थापना साल 1960 में की गई थी। साल 1976 में इसे अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा दिया गया। प्रबंधन समिति से जुड़े लोगों की शिकायत है कि बिहार सरकार समय से अनुदान का वितरण नहीं कर रही है। जनप्रतिनिधियों का किसी भी तरह ध्यान इस तरफ नहीं है। जर्जर बिल्डिंग के अलावा चोरी की समस्या से स्कूल प्रबंधन परेशान है। सचिव डॉ ओपी लाल का कहना है कि बिहार सरकार अल्पसंख्यक संस्थानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। जर्जर भवन की मरम्मति के लिए किसी भी तरह का आवंटन नहीं होता है। फिलहाल इंटरस्तरीय स्कूल में करीब 700 छात्राएं नामांकित हैं। प्रधानाचार्य सहित 10 शिक्षक, एक तृतीय वर्ग और चतुर्थ वर्ग कर्मी पदस्थापित हैं।
बरसात के मौसम में बरामदे से पानी चुता है। जिसकी मरम्मति स्कूल के विकास कोष से की जा रही है। छात्राओं के लिए सरकार की तरफ से साईकिल की खरीद के लिए राशि का आवंटन किया जाता है। प्रयोगशाला और खेल सामाग्री का भी अभाव है। राशि आवंटन के अभाव में युथ क्लब सहित अन्य संस्थानों और छात्राओं के लिए अन्य संस्थानों को विकसित नहीं किया जा पा रहा है।