
डेहरी ऑन सोन। नगर परिषद के एनजीओ के तहत सफाई कार्य में लगे कर्मियों ने यूनियन के महासचिव अशोक सिंह के नेतृत्व में कार्यालय के गेट पर जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी किया। कर्मियों ने इस दौरान शहर के सफाई कार्य को पूर्णतया ठप्प रखा। सुबह से ही कार्यालय गेट पर जमे कर्मी नगर परिषद के विरोध और अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में नारे लगाते रहे। मौके पर यूनियन के नेता अशोक सिंह ने कहा कि मजदूरों का शोषण और दमन करने वाली नगर परिषद का कार्य तब तक ठप रहेगा जब तक मजदूरों की समुचित मांगे पूरी नहीं हो जातीं। कहा की नगर परिषद एवं सफाई एनजीओ के बीच एग्रीमेंट के तहत करीब 480 मजदूरों से शहर में काम लेना है लेकिन महज 327 कर्मियों से ही काम लिया जाता है। शेष रुपयों की अधिकारी और जनप्रतिनिधि बंदरबांट कर लेते हैं। प्रतिमाह शहरवासियों का करीब 20 लाख रुपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है।
यूनियन ने कहा कि कम मजदूरों को काम पर लगाने की वजह से शहर की समुचित सफाई व्यवस्था नहीं हो पाती है और जनप्रतिनिधि मजदूरों को ही कामचोर बताते हैं। उन्होंने कहा कि एनजीओ पीवीएस फैकल्टी प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से 160 – 70 के करीब मजदूरों से काम लिया जाता है जबकि देवी शक्ति नामक सफाई एनजीओ 140-50 तक मजदूरों से काम कराती है।कुल मिलाकर 327 कर्मियों से दोनों एनजीओ काम लेती हैं जबकि करीब 480 मजदूरों से काम लेने का नगर परिषद ने एग्रीमेंट किया है। शहर की सफाई के नाम पर प्रतिमाह 20 लाख रुपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहे हैं। यूनियन ने जिलाधिकारी से मजदूरों की टीआई परेड कराने की मांग की है।
सफाई मजदूरों ने बताया कि सफाई एनजीओ द्वारा उनके जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। पिछले तीन महीने से उनके ईपीएफ एवं ईएसआई की राशि उनके खाते में एनजीओ द्वारा जमा नहीं कराया गया है। सरकार द्वारा निर्धारित ₹388 का मिनिमम वेज लागू नहीं किया गया है। ड्राइवरों का दो तरह से मजदूरी निर्धारित किया गया है जबकि सरकार द्वारा निर्देश है कि समान रूप से वेजेस दी जाए। दैनिक हाजिरी मनमाने ढंग से बनाए जाने को लेकर भी मजदूरों में काफी आक्रोश था। साथ ही एनजीओ द्वारा मजदूरों को कम मजदूरी देने और आंदोलन पर काम से हटाने की धमकी देने के भी आरोप लगाए गए। यूनियन नेता ने कहा की उनकी मांगे नहीं मानी गई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। इस मौके पर सफाई यूनियन के नेता जुगनू राम, केके सिंह सहित अन्य शामिल थे।