
डेहरी ओन सोन रोहतास. महागठबंधन के द्वारा प्रखंड कार्यालय डेहरी पर भारतीय जनता पार्टी की नीतियों के खिलाफ एक दिवसीय धरना दिया गया इस एक दिवसीय धरना का उद्देश्य भारतीय जनता पार्टी के द्वारा जो बिहार में जातीय जनगणना को रोकने की साजिश की जा रही है महंगाई एवं बेरोजगारी पर रोक लगाने संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग के विरुद्ध किसानों की आय दोगुनी करने उन्माद की राजनीति पर रोक लगाने दलित गरीबों की आवास एवं खाद्यान्न योजना बंद करने की साजिश को बेनकाब करने एवं बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए बिहार के सभी प्रखंडों पर महागठबंधन के द्वारा इस कार्यक्रम को किया गया इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राजद नगर अध्यक्ष धनंजय सिंह और संचालन जदयू प्रखंड विकास कुमार सिंह ने किया।।
इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने भाजपा की झूठे बयान बाजी और झूठी योजनाओं का प्रचार प्रसार के विरुद्ध महंगाई और बेरोज़गारी बातों को रखा। इस मौके पर राजद के गुड्डू चंद्रवंशी, कलावती देवी, गुड्डू कुशवाहा, प्रकाश पासवान, धीरज चौधरी, दीपक चंद्रवंशी, जदयू के अरुण शर्मा, डॉ निर्मल कुशवाहा, मुमताज अंसारी, प्रमोद महतो, मुन्ना कुशवाहा, अजय कुशवाहा, माले के अशोक सिंह, कांग्रेस के अरविंद कुमार सिंह उर्फ ठाकुर सिंह,अनिरूद्ध सिंह, सुदामा राम सहित कई गठबंधन के नेता कार्यकर्ता उपस्थित थे।
वही माले नेता अशोक सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर प्रखंड विकास पदाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि 9 साल पहले जब केंद्र में आपकी सरकार आई थी, आपने देश की जनता से महंगाई की मार कम करने और हरेक साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था. किसानों की आय दुगुनी करने के साथ-साथ तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ चले ऐतिहासिक आंदोलन के बाद एमएसपी पर कानून बनाने का भी आपका वादा था. लेकिन, देश की जनता आज चरम तबाही-बर्बादी-महंगाई, लूट-दमन, उन्माद-उत्पात और नफरत के दौर से गुजर रही है. रसोई गैस की कीमत 1300 रु. प्रति सिलेण्डर पार कर गई है. विगत 75 वर्षों में बेरोजगारी दर भी अपने चरम पर है. दलित-गरीबों की आवास एवं खाद्यान्न योजना में भी लगातार कटौती की जा रही है. सामाजिक कल्याण की नीतियों को तर्कसंगत बनाने हेतु जाति आधारित गणना से भी आपने इंकार कर दिया. बिहार सरकार ने इसे अपनी पहलकदमी पर शुरू किया था, लेकिन साजिशन उसे भी रोक दिया गया है। बिहार में महागठबंधन के 6 दलों राजद, जद (यू), कांग्रेस, भाकपा (माले), सीपीआई और सीपीएम के संयुक्त आह्वान पर निम्नलिखित मांगों के साथ प्रखंड मुख्यालयों पर एकदिवसीय धरना का कार्यक्रम किया गया है।