
बिक्रमगंज(रोहतास)। इंसाफ मंच रोहतास जिला कमेटी के तत्वावधान में विधायक अरुण सिंह के आवास पर बैठक आयोजित की गई । बैठक की अध्यक्षता कैसर नेहाल और संचालन रविशंकर राम ने किया । 25 जून 2023 को गेट पब्लिक लाइब्रेरी, गर्दनीबाग, पटना में होने वाले इंसाफ मंच के तीसरे राज्य सम्मेलन की तैयारी को लेकर हुई । बैठक को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष कैसर नेहाल ने कहा कि अमन-इंसाफ, लोकतंत्र, संविधान,आजादी पर चौतार का हमला केंद्र की मौजूदा हुकूमत की मुखालफत पर हर किसी को देशद्रोही बताकर जेलों में डाल देना,जिम्मेदार पदों पर बैठे बड़े-बड़े ओहदेदारों द्वारा आम अवाम के अंदर नफरत व जहर भरने का संगठित अभियान, गंगा- जमुनी तहजीब व सौहार्द के ताने-बाने को निस्ठानबुद्ध कर धर्मनिरपेक्ष भारत को हिंदू राष्ट्र में बदल देने की बेचैनी, लोकशाही की जगह तानाशाही व संविधान की जगह मनुस्मृति को थोप देने की कोशिश है। मुसलमान को दोयम दर्जे का नागरिक बना देने की लगातार चल रही साजिशें-आजादी के 75 सालों बाद मुल्क की दुखद सच्चाई यही है । सावरकर के जन्मदिन पर संसद के नए भवन का राष्ट्रपति की बजाय प्रधानमंत्री से उद्घाटन भाजपा के इसी फासीवादी अभियान का हिस्सा है । हिंदू राष्ट्र का उन्माद आज हर कहीं सुनाई पड़ रहा है, लेकिन हमें यह याद रखना चाहिए कि भाजपा – आरएसएस का हिंदू राष्ट्र का प्रोजेक्ट केवल मुस्लिम विरोधी नहीं बल्कि बुनियादी तौर पर दलित-महिला और संविधान विरोधी है । बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर ने चेतावनी दी थी कि “यदि यह देश कभी हिंदू राष्ट्र की बात करेगा तो देश के लिए यह सबसे बड़ी विपदा साबित होगी । इसे हर कीमत पर रोका जाना चाहिए.” यह विपदा आज सामने खड़ी है । जिला सचिव रविशंकर राम ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि देश में फासीवाद के खतरे की एकदम ठीक समय पर पहचान करते हुए बिहार में दलित’ मुसलमानों’महिलाओं और कमजोर समुदाय के हक व इंसाफ की आवाज को बुलंद करने के लिए इंसाफ मंच का गठन हुआ था । आगामी 25 जून को यह अपना तीसरा राज्य सम्मेलन ऐसे समय में कर रहा है जब फासीवादी गिरोह का हमला अपने चरम पर पहुंच गया है । उन्होने कहा कि रोहतास जिला से मुस्लिम,दलित, महिलाएं व कमजोर वर्ग के लोग बड़ी संख्या में इंसाफ मंच के तीसरे राज्य सम्मेलन में भाग लेंगे । बैठक को जिला उपाध्यक्ष विद्या राम,संयुक्त जिला सचिव नौशाद खां,जिला कमेटी सदस्य गुलाम अली, असगर अली,इमरान खान,शिवशंकर राम, रामबाबू खरवार, अब्दुल गफ्फार सिद्दीकी ने संबोधित किया ।