
सासाराम (रोहतास) जिला किसान सलाहकार संघ की ओर से बिहार किसान सलाहकार संघ युवा कमिटी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अमित कुमार सिंह द्वारा बताया गया कि जनसेवक की भारी कमी को देखते हुये राज्य सरकार कृषि बिभाग द्वारा वर्ष 2010 -11में किसान सलाहकारों की बहाली की गई जो कि कृषि रोड मैप -2006-11में उल्लेखित है इसके अलावा जनसेवक, ग्रामीण प्रसार कार्यकर्ता भर्ती नियमावली- 2015 में कतिपय संसोधनो के साथ स्वीकृति दी गई। जिसमें किसान सलाहकारों के दैनिक कार्य की स्थिति को स्प्ष्ट करतें हुये समान कार्य क्षेत्र एवं कार्य प्रकृति के लिये 25 अंक की अधिमान्यता सम्बंधित संशोधन से समाहित प्रारूप नियमावली पर तत्कालीन कृषि मंत्री की सहमति एवं विद्वान महाधिवक्ता से विधिक्षा प्राप्त संचिका को उसका अंग्रेजी अनुवाद कराकर उसकी विधिक्षा कराने के उपरांत मंत्री परिषद की स्वीकृति प्राप्त करने की स्वीकृति समिति द्वारा दी गई। लेकिन हम सलाहकारों को एक षड्यंत्र एवं शोषित नीति के तहत उस संचिका को कैबिनेट के लिये न भेजकर बिभागीय गणेश परिक्रमा के लिये छोड़ दिया गया जिसे लेकर राज्य के सलाहकारों में काफी आक्रोश व्याप्त है और राज्य के सभी संगठनों द्वारा एक मंच पर आकर जनसेवक की मांग पूर्ण होने तक सरकार एवं बिभाग के विरुद्ध कई दिनों से लगातार धरना प्रदर्शन एवं अनिश्चित कालीन हड़ताल जैसे कार्यक्रम जारी है। दूसरी ओर विभिन्न संघों के मांग के आलोक में निर्देशालय द्वारा त्रिस्तरिय कमिटी का गठन किया गया जिसमें कमिटी के सदस्यों द्वारा स्प्ष्ट मंतव्य के साथ सुझाव दिया गया कि सलाहकारों के लिये अलग से पद का सृजन राज्य सरकारों द्वारा नही किया गया है जिसके कारण स्वीकृत पद के विरुद्ध नियोजित करने वाले कर्मियों के समान सुविधाएं किसान सलाहकारों को प्रदत, देने में कठिनाई है। समिति के सदस्यों द्वारा यह भी अनुशंसा के रूप में कहा गया है कि किसान सलाहकार पिछले लगभग दस वर्षों से कार्यरत है जबकि जनसेवक, ग्रामीण प्रसार कार्यकर्ता के अधिकतर पद रिक्त है लोक कल्याणकारी राज्य के रूप में किसान सलाहकारो के भविष्य को ध्यान में रखकर जनसेवक भर्ती नियमावली में उपयुक्त प्रावधान करने पर विचार किया जा सकता है। श्री सिंह का कहना है कि जब समिति के पदाधिकारियों का भी यह मानना है कि सलाहकारों को जनसेवक भर्ती नियमावली में उपयुक्त प्रावधान करने पर बिचार किया जा सकता है इसके साथ ही जनसेवक, ग्रामीण प्रसार भर्ती नियमावली 2015 में कतिपय संशोधन करने के बाद सलाहकारों को 25 अंक अधिमानता देने के उपरांत उक्त संचिका कैबिनेट के लिये भेजें जाने की स्वीकृति समिति द्वारा प्रारूप अनुसूची-2 पर दिया गया तो फिर आज राज्य सरकार कृषि बिभाग अपने किये हुए अनुशंसा एवं वायदे से क्यो मुखर रही है। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार की नीति सलाहकारों को बरगलाने एवं शोषित करने की जानबूझकर की जा रही एक साजिश है। जिसके कारण सलाहकार अब चुप बैठने वाले नही है। और जब तक सरकार एवं बिभाग द्वारा सलाहकारों की मांगों के प्रति सकारात्मक रूप से वार्ता के माध्यम से निर्णय नहीं लिया जाता है तब तक अनवरत रूप से हड़ताल जारी रहेगा।
श्री सिंह का यह भी कहना है कि सलाहकार आज लैब टू लैंड और लैंड टू लैब तक का कार्य एक प्रसार कर्मी के रूप में करते आ रहें है इसके बावजूद सलाहकारों की मांग को अनदेखा करना एवं पूर्ण नही करना कही से न्यायोचित नही है जिसकी खमियाजा सरकार को चुनावी सरगर्मी में उठाना पड़ेगा।और राज्य के सलाहकार इसका जबाव भी अच्छे ढंग से देंगे।