रिपोर्ट — अमित दुबे
शिवसागर (रोहतास) स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के कई इलाको मे जल जीवन और हरियाली के तहत जलाशयों का जीर्णोधार चल रहा है। इसी के तहत सभी कुओं को चिंहित कर उसका पुनः जीर्णोद्धार और सौंद्रीकरण का काम चल रहा है ताकि स्थानीय लोग पानी की किल्लत में भी इस कुओं से स्वच्छ पानी पी सके। लेकिन अधिकांश कुओं का सौंद्रीकरण तो हो रहा है लेकिन उसका जीर्णोद्धार नही हो रहा है। स्थानीय मुखिया और संबंधित विभाग की मिली जुली लूट के कारण कुआ फिर से जीवित नहीं हो रहे है। इसका सीधा उदाहरण कोनकी पंचायत में देखा जा सकता है। ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान बड्डी गांव के दो कुओं का हाल इसी प्रकार दिखा गया। उपर से तो पलास्टर, पेंट, पोचरा यानी की रंग रोगन कर इसे चमका दिया गया है लेकिन अंदर से कुआ मिट्टी से भरा पड़ा है। यहां तक की कुएं के अंदर से एक बूंद भी कचरा नहीं निकला गया। स्थानीय लोगो ने कहा की इस पंचायत में जो भी कुआ योजना के तहत पूरा किया गया वहां अंदर स्वच्छ पानी तो दूर पानी ही नहीं है। रिपोर्टिंग के दौरान कोनकी पंचायत के वार्ड 1 के दो कुओं की स्थिति बिना पानी के सौंद्रीकरण के साथ पाई गई। वार्ड 1 के सुदामा सिंह ने बताया की दो साल पहले वार्ड 1 के दो कुओं का सौद्रीकरण स्थानीय मुखिया के द्वारा किया गया था। लेकिन इस दौरान ग्रील और रंग रोगन का ही काम हुआ लेकिन जीर्णोद्धार का काम नही हुआ।
आज हालत यह है की लोग इस कुएं को विरासत के तौर पर देख रहे है। वही दूसरा कुंआ यहां से एक किलोमीटर दूर सिवान में मिला जो वार्ड 1 का ही इलाका है वहां भी कुआ रंग रोगन और ग्रील के साथ चमकता हुआ मिला। इस कुएं पर कुएं के पूरा होने की वित्तीय वर्ष और बनवाने वाले का नाम अंकित था।उसका पड़ताल करने पर खुलासा हुआ की कुआ अंदर से मिट्टी से भरा पड़ा है। पड़ताल को देखकर स्थानीय लोग वहां इक्कठा हो गए और अपनी दुख भरी दास्तान बताने लगे। वहां उपस्थित रामदास जो कोनकी पंचायत के बड्डी गांव के निवासी है। उन्होंने कहा की स्थानीय मुखिया संतोष सिंह ने इस कुएं का कार्य किया था। लेकिन इस कुएं की सफाई नहीं की गई।उन्होंने बताया की मुखिया द्वारा कहा गया की सफाई के लिए पैसे नहीं मिले है। इसलिए सफाई नहीं हो सकती।उन्होंने बताया की इस कुएं के जांच के लिए संबंधित जेई आए थे उन्होंने भी फंड नहीं होने की बात कही।