
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय एक बार फिर सुर्खियों में है। विवि के रजिस्ट्रार भ्रष्टाचार के मामले में एसआईटी जांच में चिन्हित होने और एफआईआर के बाद भी पद पर बने हैं। विवि से जुड़े कर्मचारियों के एक वर्ग ने रजिस्ट्रार पर जांच प्रभावित करने का आरोप लगाया। आपको बता दें कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय के वर्तमान रजिस्ट्रार महेंद्र कुमार के खिलाफ एसआईटी ने फर्जी डिग्री व दस्तावेज में हेराफेरी करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया है। मामला आठ वर्ष पूर्व संपूर्णानंद विश्वविद्यालय का है। जांच के बाद मामले में कार्रवाई हुई थी। गौरतलब है कि SIT ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के 17 अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
आरोप था कि 2004 से 2014 के बीच विवि में तैनात रहे 17 अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्रियां बांटीं थीं, जिसमें सैकड़ों लोगों को सरकारी नौकरी भी मिल गई। मामला वर्ष 2015 में तब प्रकाश में आया, जब फर्जी डिग्री के सहारे बड़ी संख्या में शिक्षकों की भर्ती की शिकायत मिली थी। ये सभी डिग्रियां संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से जारी की गई थीं। शासन ने जब डिग्रियों को सत्यापन के लिए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय भेजा तो कर्मचारियों की मिलीभगत से उसे सत्यापित भी कर दिया गया। इसकी जांच एसआईटी को सौंपी गई थी।
एसआईटी ने प्रदेश के सभी जिलों में लगभग 6000 डिग्रियों की जांच कराईं, जिसमें 1130 डिग्रियां फर्जी पाईं गईं। 207 शिक्षकों के दस्तावेजों में हेराफेरी मिली। एसआईटी ने डिग्री जारी करने और डिग्री के सत्यापन की प्रक्रिया से जुड़े लोगों को अपनी जांच में दोषी मानकर इनके खिलाफ 29 जून 2022को मुकदमा पंजीकृत किया है। उसमें पूर्वांचल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार महेंद्र कुमार का भी नाम शामिल हैं।
राजभवन भी दे चुका है जांच का आदेश
पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलसचिव पर आपराधिक मुकदमा दर्ज होने के बाद भी महत्वपूर्ण पद पर तैनात रहने के मामले की जांच का आदेश राजभवन ने जारी किया था।
जानकारी के मुताबिक जनपद गाजीपुर ग्राम पोस्ट शेखनपुर के पूर्व जिला पंचायत सदस्य अनुराग कुमार सिंह ने राज्यपाल को शिकायती पत्र भेजा था। इसके बाद 5 नवंबर 2022 को इस पत्र को गम्भीरता से लेते हुए राज्यपाल ने प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा के माध्यम से जांच कराने का आदेश दिया, जिसके क्रम में प्रमुख सचिव राज्यपाल ने उच्च शिक्षा विभाग को आदेश भेज दिया था।
पूर्व सदस्य जिला पंचायत अनुराग सिंह ने अपने शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय के वर्तमान रजिस्ट्रार महेंद्र कुमार सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए दस्तावेजो में बड़ी हेराफेरी की है। एसआईटी ने जांच के पश्चात महेंद्र कुमार के खिलाफ लखनऊ में मुकदमा दर्ज कराया है, इसके बाद भी महेंद्र कुमार पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलसचिव पद पर आसीन है। इस प्रकरण में राज्यपाल के प्रमुख सचिव एवं विशेष कार्यकारी अधिकारी ने 24 नवम्बर 2022 को ही प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा को पत्र भेजकर मामले की जांच करने एवं कार्यवाई करने का आदेश दिया था। परन्तु इस आदेश को भी लगभग 7 महीने होने को हैं। आरोप है कि रजिस्ट्रार महेंद्र कुमार ने अपने पद का इस्तेमाल करते हुए ऐसे सभी शिकायती पत्रों को ठंडे बस्ते में डलवा दिया है।