
डिजिटल टीम, तिलौथू. रोहतास जिले के तिलौथू प्रखंड में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ” के क्षेत्रीय (बिहार-झारखण्ड) सम्पर्क प्रमुख अनिल ठाकुर ने कहा कि हम संपूर्ण भारत के नागरिक जो हिन्दू संस्कृति से सम्बन्ध रखते हैं उन्हें आज सांस्कृतिक दृष्टि से एकनिष्ठ होकर राष्ट्रहित में एक बिन्दु पर केन्द्रित होना चाहिए। “वसुधैव कुटुंबकम्” की धारणा रखने वाली संस्कृति से प्रेरित संगठन ही सबके केन्द्र बनने की सम्यक् विकल्प हो सकती है। और यह कहते हुए बड़ा गर्व हो रहा है कि जिसका आज “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ” ही एक यथेष्ठ विकल्प है, जहाॅं सबके हितों की संभावना सुनिश्चित है। उन्होंने कहा कि सभी हिन्दू परिवार एक समान हैं। उदाहरण के तौर पर आज संघ के संकल्प का ही फल है कि एक सामान्य परिवार का आम व्यक्ति भी देश के सर्वोच्च पद पर आसीन है जिसके नेतृत्व की गणना आज वैश्विक स्तर पर शीर्षस्थ है। संघ जात-पात, ऊॅंच-नीच के संकीर्ण संघर्षों से परे एक व्यापक समरसता का समर्थक है। कहा कि सभी भ्रांतियों को दरकिनार करते हुए संघ के धारणा पर चलने में ही देश की उन्नति संभावित है।
समलैंगिकता नहीं रहा भारतीय संस्कृति का हिस्सा
समलैंगिकता के कानून पर चल रहे सर्वोच्च न्यायालय के सुनवाई पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि यह हमारे भारतीय संस्कृति का कभी हिस्सा न था, न है और न ही कभी होगा, क्योंकि यह पूर्णतः नैसर्गिक नियमों के विरुद्ध है, व्यवहारिक दृष्टि से अप्रासंगिक एवं सामाजिक दृष्टि से अमानवीय कृत्य है। जिसका अनुमोदन भारतीय संस्कृति में कभी भी नहीं किया जा सकता। इस प्रकार से सामाजिक सद्भावना एवं समरसता का संदेश देते हुए देश की अस्मिता को अखण्ड एवं अक्षुण्ण बनाए रखने की अपील की। कार्यक्रम का संचालन बीजेपी नेता संजय तिवारी ने किया. मौके पर संयोजक जिलाध्यक्ष सुशील चन्द्रवंशी तिलौथू के संघ प्रकल्प प्रमुख जंगलेश प्रसाद चौरसिया सहित कार्यकर्ता और प्रशिक्षु छात्र भी उपस्थित रहे।