
कहा द्वादश ज्योतिर्लिंग के तरह महत्व है दसशीशानाथ का
नौहट्टा ।नौहट्टा प्रखंड के बिहार झारखंड के सीमा पर सोन कोयल व सरस्वती नदी के संगम पर मध्य धारा मे स्थित दसशीशानाथ तथा दो हजार फीट की ऊंचाई पर पहाड़ पर स्थित रोहितेश्वर धाम की पूजा-अर्चना सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजय कोरोल व पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश डाक्टर अंशुमान पांडेय ने शनिवार को की। श्री कोरोल नाव से दसशीशानाथ पहुंचे तथा दो सौ मीटर पानी मे चलकर दसशीशानाथ पहुंचे।पानी मे पुलिस बल के सहारे दसशीशानाथ पहुंचे। न्यायधीश ने कहा कि बांदू दसशीशानाथ का महत्व द्वादश ज्योतिर्लिंग के तरह है तथा भगवान शिव जागृत अवस्था मे है। वाराणसी के विद्वान द्वारा इसकी जानकारी मिली थी। दसशीशानाथ आस्था विश्वास का केंद्र है। इसकी स्थापना रावण के द्वारा की गयी थी। विश्वामित्र जब राम लक्ष्मण को लेकर बक्सर जा रहे थे तब दसशीशानाथ से चार किमी दूर उल्ली मे अपने आश्रम मे रात्रि विश्राम के बाद दसशीशानाथ की पूजा राम लक्ष्मण के साथ करके बक्सर के लिए प्रस्थान किये थे। सोन के किनारे ग्रामीणों व बच्चों के साथ समय व्यतीत की। बच्चों के अच्छा बच्चा बनने के लिए प्रेरित किया।
रोहितेश्वर धाम मे पहुंच चौरासी सीढी चढकर भगवान भोलेनाथ के पास पहुंच पुजा की।दसशीशानाथ मे पुरूषोत्तम पाठक व रोहितेश्वर धाम मे मुकेश पाठक ने न्यायधीश की पूजा करवाया। बच्चों के बीच प्रसाद वितरण की। मौके पर एसपी विनीत कुमार एसडीएम अनील कुमार सिंहा एएसपी शुभांक मिश्र,सीओ रामप्रवेश राम, थानाध्यक्ष मंगल सिंह, जीतेंद्र यादव. रामप्रवेश पासवान, साबीर अंसारी, नितेश पांडेय, विनायक पांडेय, आदि थे।