
देवा कुमार/गोपाल कृष्ण की विशेष स्टोरी
डिजिटल टीम, डेहरी-ऑन-सोन। जिला पुलिस मुख्यालय डेहरी-ऑन-सोन हेरोईन, गांजा और अन्य मादक पदार्थ की बिक्री का बड़ा सेंटर बनता दिख रहा है। शहर के कुछ मुहल्ले इसी के लिए बदनाम हैं। जिसमें बारह पत्थर, आंबेडकर चौक और न्यू डिलियां भी शामिल है। डेहरी के एक मामी के कनेक्शन झारखंड के गढ़वा के एक कथित भगिने से भी है। गढ़वा पुलिस ने पिछले साल के सितंबर महीने में तीन हेरोईन तस्करों को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद इस तरह का मामला सामने आया था। पुलिस सूत्रों का दावा है कि हेरोईन, ब्राउन शुगर और अन्य मादक पदार्थ के तस्करी के तार इसी शहर के होकर झारखंड के गढवा, पलामू और राजधानी रांची तक से जुड़े हुए हैं। बिहार पुलिस की एसटीएफ की टीम इस तरह की सूचना मिलने के बाद शहर के इलाको में कई बार घूम कर क्लू की तलाश कर चुकी है। हालाकी इस मामले एसटीएफ के अधिकारी किसी भी तरह की जानकारी साझा करने से परहेज करते दिखे। शहर की युवा पीढ़ी नशे की इस आदत के कारण बर्बाद हो रही है। लेकिन पुलिस इस तरह के मामले में किसी भी तरह का कार्रवाई नहीं कर रही है। सामाजिक कार्यकर्ता इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
छोटे छोटे विक्रेता हैं सक्रिय
शहर के कई मुहल्लों में इसके छोटे छोटे विक्रेता सक्रिय हैं। सिंडिकेट की तरह ग्रुप बनाकर इसकी तस्करी कर रहे हैं। स्थानीय लोग लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि बिक्रेता डराने और धमकाने का प्रयास करते हैं। धारदार हथियारों का भय भी दिखाते हैं।
एक दशक के बाद सक्रिय हुए हैं हेरोईन तस्कर
डेहरी में एक दशक बाद मादक पदार्थ हेरोइन के तस्कर फिर सक्रिय हो गए है । सीमावर्ती झारखंड के गढ़वा व रांची में गिरफ्तार हेरोइन तस्करों के तार इस शहर से जुड़े है। डेहरी की मामी और गढ़वा के भगीने का रैकेट सक्रिय है। इसकी आपूर्ति दोनों मिलकर कर रहे हैं । बिहार के डेहरी और सासाराम शहर से इसकी सप्लाई झारखंड की राजधानी रांची से लेकर गढ़वा, पलामू तक हो रही है। झारखण्ड पुलिस सूत्रों की माने तो बिहार का डेहरी शहर में इसकी डंपिंग हो रही है। तस्कर डेहरी स्टेशन से खुलने वाली ट्रेन, कार और बाइक का सहारा लेकर झारखंड तक इसकी सप्लाई कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इसमें दो दर्जन से ज्यादा लोग सक्रिय हैं ।