
देवा कुमार, डिजिटल डेस्क, डेहरी-ऑन-सोन.अगर आपके साथ ट्रेन में यात्रा के दौरान किसी भी तरह की चोरी, स्नेचिंग या लूटपाट या सामान गुम होने की घटना होती है तो रेलवे को इसका हर्जाना भरना पड़ सकता है. इस तरह के मामले में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है. पहले रेलवे यह कहकर पल्ला झाड़ लेता था कि यात्री को अपने सामान की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी होती है. आयोग के अध्यक्ष डां. इंद्रजीत की पीठ ने कहा कि ट्रेन में घुसे अनाधिकृत व्यक्ति चोरी या लूटपाट की जाती है तो वारदात से यात्री को नुकसान की भरपाई करने की जिम्मेदारी रेलवे की ही होगी, रेलवे अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकता। आयोग ने ट्रेन में महिला का पर्स छिनने की एक घटना में रेलवे को संबंधित पीड़िता को मय ब्याज 4.60 लाख रु. अदा करने के आदेश दिए हैं। रेलवे को पीडी.ता को मानसिक प्रताड.ना के तौर पर 50 हजार और केस के खर्च के रुप में 10 हजार रुपये भी देने होंगे। 2016 में एसी कोच में बीकानेर से दिल्ली जा रही यात्री उमा अग्रवाल का पर्स छीनने की वारदात हुई. जिला और राज्य उपभोक्ता फोरम ने भी पीडी.ता के पक्ष में फैसला सुलाया था। आयोग ने कहा कि रिजर्व डब्बे में अनधिकृत व्यक्ति का प्रवेश करना रेलवे की लापरवाही है. जीआरपी ने केस दर्ज कराने में मदद भी नहीं की. आयोग ने इस मामले में रेलवे को सेवा में कमी का दोषी पाया है.