
जिले में शुबह नौ से शाम चार बजे तक नहीं होंगे संचालित कोचिंग संस्थान
शिक्षा विभाग ने एक बार फिर कोचिंग संचालित करने का समय निर्धरित किया है। अब जिले में सुबह नौ से शाम चार बजे तक न तो कोचिंग के ताले खुलेंगे न उसमें बच्चे पढ़ते पाए जाएंगे। निरीक्षण के दौरान जो संस्थान संचालित होते पाए जाएंगे उसके संचालक पर प्रथमिकी करते हुए संस्थान के सिल कर दिया जाएगा। विभागीय निर्देश के आलोक में गुरुवार को डीईओ ने कोचिंग संस्थान के संचालको के साथ बैठक कर विभागीय अपर मुख्य सचिव के निर्देशों से अवगत कराया। हालंकि बैठक में लगभग 36 कोचिंग के संस्थानों के संचालक उपस्थित रहे। जबकि 50 से अधिक संचालकों को शामिल होने के लिए विभाग ने सूचना दी थी।
डीईओ संजीव कुमार ने बताया कि 1 जुलाई से स्कूलों का शुरु सतत निरीक्षण से सार्थक परिणाम सामने आए हैं। शिक्षकों की उपस्थिति में सुधार हुआ है, परन्तु बच्चों की संख्या में अपेक्षित बढ़ोतरी नहीं हो रही है। इसे लेकर प्रधानाध्यापकों को भी कई निर्देश दिए गए है, जिसमें नियमित स्कूल नहीं आने वाले नामंकित छात्रों के अभिभावकों से संपर्क कर पता लगाने को कहा गया है कि बच्चा का नामांकन प्राइवेट विद्यालय में तो नहीं हुआ है। यदि ऐसा है तो बच्चा का नाम स्कूल से काटने का निर्देश दिया गया है। इसके अतिरिक्त कोचिंग संस्थान को स्कूल अवधि में संचालित होने को भी मुख्य कारण माना गया है। इसे गंभीरता से लेते हुए अपर मुख्य सचिव ने कोचिंग संस्थानों का समय निर्धारित करते हुए संचलकों को अवगत कराने की निर्देश दिया था ताकि स्कूल में छात्रों की उपस्थिति बढ़ सके। साथ ही उन्होने यह भी कहा कि बैठक में जिन संस्थानों के संचालक उपस्थित नहीं हुए, उसे सूचित करने के लिए प्राधिकृत अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि उन्हे उपलब्ध कराई गई सूची के आलोक में 31 अगस्त तक अवगत कराने का टास्क सौंपा गया है। अगले माह से कोचिंग संस्थान का सतत निरीक्षण अभियान चलेगा। इस दौरान जो संस्थान संचालित पाए जाएंगे उन्हे सील कर संचालक पर प्रथमिकी समेत अन्य कर्रवाई की जाएगी। जिले में तकरिबन 1000 कोचिंग संस्थान संचालित होते हैं। इसमें से एक भी संस्थान का अभी तक कोचिंग संस्थान नियंत्रण विनियम अधिनियम के तहत निबंधित नहीं हैं।