धनबाद में गैंगस्टर प्रिंस खान और अमन सिंह का खौफ इस कदर बढ़ गया है कि कई व्यवसायी अब कारोबार समेटने में जुटे हैं। रंगदारी के थ्रेट कॉल से परेशान कई कारोबारियों ने स्टोर्स के साइन बोर्ड से फोन और मोबाइल नंबर मिटा दिए हैं।
धनबाद, 22 अगस्त (आईएएनएस)। धनबाद में गैंगस्टर प्रिंस खान और अमन सिंह का खौफ इस कदर बढ़ गया है कि कई व्यवसायी अब कारोबार समेटने में जुटे हैं। रंगदारी के थ्रेट कॉल से परेशान कई कारोबारियों ने स्टोर्स के साइन बोर्ड से फोन और मोबाइल नंबर मिटा दिए हैं।
पिछले तीन महीने में इन गैंग्स ने दुकानों और कारोबारियों को लक्ष्य कर फायरिंग और बमबारी की तकरीबन एक दर्जन घटनाएं अंजाम दी हैं।
हालांकि, इस बीच पुलिस भी इन गिरोहों के खिलाफ लगातार छापामारी अभियान चला रही है। दो महीने के भीतर प्रिंस और अमन गैंग के डेढ़ दर्जन से ज्यादा गुर्गों और सहयोगियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। इसके बाद भी वारदातों में कमी नहीं आई है।
वासेपुर के गैंगस्टर प्रिंस खान ने खाड़ी देश में शरण ले रखी है। लेकिन, उसका गैंग हर रोज व्यवसायियों को थ्रेट कॉल कर रहा है। झारखंड पुलिस के अनुरोध और केंद्रीय जांच एजेंसियों की अनुशंसा पर उसके खिलाफ इंटरपोल से रेड एवं ब्लू कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया है।
दूसरी तरफ अमन सिंह जेल में बंद है, लेकिन उसके गुर्गे भी लगातार रंगदारी वसूल रहे हैं। हाल की घटनाओं की बात करें तो 12 अगस्त को शहर के प्रमुख व्यावसायिक इलाके बैंक मोड़ में सलूजा टायर्स नामक प्रतिष्ठान के बाहर गोलीबारी की गई।
8 अगस्त को गफ्फार कॉलोनी स्थित जिया साइबर कैफे पर फायरिंग की गई थी। 10 जुलाई को गोविंदपुर में बिहारी लाल चौधरी के प्रतिष्ठान, 29 जून को अप्सरा ड्रेसेज नामक प्रतिष्ठान के मालिक के आवास के बाहर गोलियां चलाई गई।
27 जून को वासेपुर के कारोबारी रशीद महाजन के घर के बाहर फायरिंग हुई। 7 जून को ठाकुर मोटर्स के मालिक संजीवानंद ठाकुर को गोली मारी गई थी। 1 जून को तोपचांची में शान ए पंजाब व माही होटल में अपराधियों ने रंगदारी के लिए बमबारी की थी।