
डिजिटल टीम, डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास)। परिसमापन में चल रहे डालमिय़ानगर उद्योग समुह के आवास को खाली करने के संदर्भ में पूर्व कर्मियों ने सर्वोच्च न्यायलय में याचिका दाखिल की है। पूर्व कर्मी मानवीय और मानवता के आधार पर दशकों से रहे उन 1471 आवासों जिन्हे खाली करने का आदेश उच्च न्यालय के द्वारा आया है, वह चाहतें है, की उन्हें मिल जाए। उच्च न्यालय के माननीय विद्वान न्यायाधीश के आदेश के आलोक में प्रशासनिक स्तर पर शांतिपूर्ण और न्यायोचित तरीके से आवास को खाली कराने की तैयारी भी चल रही है। जिसके कारण डालमियानगर निवासियों में भय तथा डर व्याप्त है। विशेषकर उन बुजुर्गों, महिलाओं की जिनकी तमाम उम्र इस उद्योग में तथा उद्योग के आवासीय कॉलोनी में जिंदगी व्यतीत हो गई आज उम्र के जिस पड़ाव पर वह खड़े हैं, उन्हें कहीं कोई उम्मीद की किरणें नहीं दिखाई दे रही है। आज वह किमकर्त्तव्यमूढ़ की स्थिति में खड़े हैं,इस विकट और विसम प्रस्थिति में केवल सर्वोच्च न्यायालय ही उन्हें न्याय दिला सकता है।उन्हें सर्वोच्च न्यायालय पर पूर्ण विश्वास है। उन्हें न्याय अवश्य प्राप्त होगा।इसी उमींद से शनिवार को विद्वान् अधिवक्ता अमित पवन के द्वारा सर्वोच्च न्यालय में अपील की गई। जिसे सर्वोच्च न्यालय में स्वीकार कर लिया गया। पूर्व कर्मी उच्च न्यालय तथा अन्य न्यालयों तथा विद्वान् न्यायधीश के आदेश के आलोक में वह सर्वोच्च न्यालय से न्याय की मांग कर रहे है। वहाँ के पूर्व कर्मियों का कहना की जिस आवास में उन्हें न्यालय के आदेश के आलोक बिजली कनेक्शन मिला,आधार कार्ड, पैन कार्ड,एल- पी- जी गैस कनेक्शन,इत्यादि वैध्य आधार भारत के नागरिक होने का प्राप्त हुआ।जिस शहर का एक गौरशाली इतिहास है। इसके गौरवशाली इतिहास को बचाने के लिए, तथा उन निर्धन, लाचार, असहाय, बेसहारा, के आसियाना को अवश्य आसियाना उन्हें मिलेगा, ऐसा उन्हें विश्वास और उमींद है। उन्हें उनका हक ” घर ” अवश्य मिलेगा। ऐसा विश्वास सर्वोच्च न्यालय पर है।