रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में कहा है कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पास विध्वंस अभियान को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता ने इसे एक विवादित धार्मिक परिसर से जोड़कर इसकी कार्रवाई को “सांप्रदायिक रंग” दे दिया है।
नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)। रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में कहा है कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पास विध्वंस अभियान को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता ने इसे एक विवादित धार्मिक परिसर से जोड़कर इसकी कार्रवाई को “सांप्रदायिक रंग” दे दिया है।
इसमें कहा गया है, “अंतरिम राहत प्राप्त करने के उद्देश्य से याचिकाकर्ता द्वारा इस तरह के झूठे दावे जानबूझकर इस माननीय न्यायालय द्वारा नाराजगी की तात्कालिक प्रतिक्रिया को भड़काने के लिए किए गए हैं।”
रेलवे ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास याचिका दायर करने का कोई अधिकार नहीं है और उसके इरादे सही नहीं हैं।
उत्तर दस्तावेज़ में कहा गया है कि विध्वंस इसलिए किया गया क्योंकि मथुरा में रेलवे ने वृन्दावन को मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन से जोड़ने वाली हाई-स्पीड या एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाने के लिए आजादी से पहले के जमाने के ‘मीटर गेज’ को ‘ब्रॉड गेज’ में बदलने की परियोजना शुरू की थी।
इसमें कहा गया है कि मथुरा से वृन्दावन एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है जहां यात्रियों की संख्या बहुत अधिक है।
सुप्रीम कोर्ट ने 16 अगस्त को याचिका पर नोटिस जारी करते हुए रेलवे को विवादित भूमि के संबंध में 10 दिन की अवधि के लिए यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत में कहा था कि रेलवे ने उस स्थिति का फायदा उठाते हुए तोड़फोड़ की गतिविधियां शुरू कीं, जब एक वकील को गोली लगने की घटना के कारण उत्तर प्रदेश में अदालतें बंद कर दी गई थीं।
याचिकाकर्ता याकूब शाह ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा कि उन्होंने मथुरा के सिविल कोर्ट में विध्वंस के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया था, लेकिन रेलवे ने इस बीच विध्वंस शुरू कर दिया।