
डेहरी ऑन-सोन की सड़कों व बाजार में आवारा तरीके से घूम रहे पशुओं के कारण शहर के हालत काफी खतरनाक होती जा रही हैं। सुबह-शाम शहर के किसी इलाके में आते-जाते इन्हें न तो कोई रोकने वाला है न टोकने वाला है। सब्जी मंडियों से लेकर गली कूचों तक इनके साम्राज्य के सामने लोगों को अपनी जान बचाने का फ्रिक होने लगी है। यह आवारा पशु आतंक का पर्याय बन चुके हैं। बूढे़-बुजुर्गों सहित बच्चों व महिलाओं को कहीं भी टांग कर फेंक देना या धकिया देना आम बात है। आए दिन कुत्तों के काटने और दौड़ने की खबरे आम हो गया है। चौक-चौराहा पर पशुओं की आवारागर्दी के कारण लोग अपने रास्ते बदल रहे है। नगर परिषद रोड क्षेत्र का पुरानी डेहरी बाजार, नगर परिषद रोड सहित स्टेशन रोड सबसे मजबूत गढ़ के रुप में शामिल है। आंबेडकर चौक से कर्पुरी चौक तक इनके कई अड्डे हैं जहां ये बीच सड़क पर आराम फरमाते रहते हैं। यहां सड़क पर फेंक गए कचरों में खानों-पीने के समान ढूंढते रहते हैं। बिना किसी डर भय के सड़क के बीच बैठ जाने से आवागमन प्रभावित होता है और वाहनों के पहिए थम जाते हैं। सब्जी फल के ठेले गिरा देना या लपक कर खा जाना तो इनके आदतों में है । जिसका नुकसान गरीबों को उठाना पड़ता है।
शिवगंज निवासी रंजन कुमार ने बताया कि रात में कुत्तों का आतंक ज्यादा बढ़ जाता है। बारहपत्थर निवासी जीत कुमार का कहना है कि बजार में पशुओं की अधिकता के चलते आने-जाने में परेशानी होती है।