तीसरे राष्ट्रीय विपक्षी दलों के सम्मेलन के मेजबान महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यहां बुधवार को कहा कि दो दिवसीय ‘इंडिया’ सम्मेलन मातृभूमि को निरंकुशता से बचाने और स्वतंत्रता और लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ेगा।
मुंबई, 31 अगस्त (आईएएनएस)। तीसरे राष्ट्रीय विपक्षी दलों के सम्मेलन के मेजबान महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यहां बुधवार को कहा कि दो दिवसीय ‘इंडिया’ सम्मेलन मातृभूमि को निरंकुशता से बचाने और स्वतंत्रता और लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ेगा।
शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष ने संयुक्त मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए कहा कि देश अधिनायकवाद से खतरे में है और इसे ‘रक्षा’ की जरूरत है।
ठाकरे ने घोषणा की, “हम यहां तानाशाही के खिलाफ और भारत की रक्षा के लिए हैं। हम तानाशाही शासन को दोबारा सत्ता में नहीं आने देने की प्रतिज्ञा लेते हैं। हम संविधान की रक्षा करने का प्रयास करेंगे और संघीय लोकतांत्रिक ढांचे को बाधित नहीं हाेने देंगे।”
शिवसेना (यूबीटी) नेता ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि देश को एक ऐसी सरकार की जरूरत है, जो महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करे। उन्होंने मणिपुर की घटनाओं का उदाहरण दिया।
ठाकरे ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, “केंद्र सरकार गैस पर टिकी है… इसीलिए नौ साल बाद वह घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में कटौती करके महिलाओं को एक उपहार दे रही है। जैसे-जैसे इंडिया कुछ और आगे बढ़ेगा, वे सभी को मुफ्त गैस देना शुरू कर देंगे। जनता सब जानती है।”
इस सवाल पर कि किसे इंडिया गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में किसे पेश किया जाएगा, ठाकरे ने जवाब दिया : “हमारे पास कई विकल्प हैं, लेकिन क्या भाजपा के पास (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी के अलावा कोई विकल्प है?”
यह पूछे जाने पर कि इंडिया ब्लॉक का संयोजक कौन होगा, ठाकरे ने पलटवार करते हुए कहा, “क्या आप हमें बता सकते हैं कि एनडीए का संयोजक कौन है? यह एक अमीबा की तरह हो गया है, जिसका कोई आकार या आकृति नहीं है।”
उन्होंने मुस्लिम महिलाओं से राखी बांधने को कहने वाली भाजपा पर हमला बोला और कहा कि यह रक्षाबंधन मातृभूमि की रक्षा के लिए समर्पित होना चाहिए, न कि उसे सत्तावादी शासन की जंजीरों में जकड़ने देना चाहिए।
हाल के नीति आयोग के कदमों का जिक्र करते हुए ठाकरे ने आरोप लगाया कि “मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिश अब उजागर हो गई है।”
ठाकरे ने कहा, “जब महा विकास अघाड़ी सरकार सत्ता में थी, तब उन्होंने ऐसा कोई प्रस्ताव देने की हिम्मत नहीं की, लेकिन हम किसी भी कीमत पर ऐसा नहीं होने देंगे, पूरी ताकत लगाकर लड़ेंगे।”
इंडिया सम्मेलन का माहौल तैयार करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि “देश के लोग बदलाव चाहते हैं, इसीलिए विपक्षी नेता यहां एकत्र हो रहे हैं। हम देश के लोगों के प्रति जवाबदेही से बंधे हुए हैं।”
उन्होंने राष्ट्रीय विपक्षी दलों द्वारा 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए सीट-बंटवारे के पेचीदा मुद्दे पर चर्चा की संभावना के संकेत भी दिए।
पवार ने कहा कि गठबंधन की पहली दो बैठकें बहुत महत्वपूर्ण थीं और अब भाजपा का मुकाबला करने के लिए विपक्षी गुट की संयुक्त रणनीति पर चर्चा होने और उसे अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है, जबकि वरिष्ठ नेताओं का एक पैनल बनाया जा सकता है और उसे लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे का काम सौंपा जा सकता है।
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने बताया कि कैसे चीन ने लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में भारतीय क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है और विपक्ष अब देश को विदेशी आक्रमण से बचाएगा।
पटोले ने घोषणा की, “जैसे-जैसे इंडिया गठबंधन मजबूत होगा और आगे बढ़ेगा, चीन भारतीय क्षेत्रों से पीछे हट जाएगा। इंडिया ही इंडिया की रक्षा और सुरक्षा करेगा।”
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि 11 मुख्यमंत्री और 28 विपक्षी राजनीतिक दलों के 63 नेता मुंबई सम्मेलन में भाग लेंगे, जबकि जुलाई में बेंगलुरू में आयोजित सम्मेलन में 26 नेता शामिल हुए थे।
चव्हाण ने पार्टियों को तोड़ने और निर्वाचित राज्य सरकारों को गिराने की राजनीति करने के लिए भाजपा की आलोचना की। उन्होंने कहा कि उन्होंने मध्य प्रदेश, गोवा और फिर महाराष्ट्र में जो भी किया, सबको पता है, लेकिन विपक्ष मजबूत है, और इस तरह की धमकियों से नहीं डरेगा।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि सम्मेलन के लिए “मुंबई इंडिया के मूड में डूबा हुआ है, जिसमें अगले दो दिनों में कम से कम 28 दल शामिल होंगे।”
आयोजकों के अनुसार, जिन प्रमुख दलों ने भागीदारी की पुष्टि की है उनमें शामिल हैं : सम्मेलन की मेजबानी कर रही शिवसेना (यूबीटी), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार), समाजवादी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, जनता दल (यू), राष्ट्रीय जनता दल, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, किसान और श्रमिक पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग।