पांच दिन के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए अगले ही दिन केंद्र सरकार ने फिर चौंका
दिया। अब एक देश -एक चुनाव को लाग करने के लिए पुर्व राष्ट्रपती रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता
में समिती बनाई गई है। पहली बार किसी पुर्व राष्ट्रपति को ऐसी कवायद में शामिल किया गया है।
इसकी शुरुआत ऐसे समय में हुई जब मध्य प्रदेश, राजस्थान और छतीसगढ़ में चुनाव की तैयारीयां
तेज हो गई हैं। दिसंबर 2024 तक आम चुनाव सहित 12 राज्यों में चुनाव होने हैं।
समिति में विभिन्न दलों के सदस्य व कानुनी जानकार हो सकते हैं। इस तय करना है कि एक साथ
चुनाव कैसे और कब हों। समिति कोई समय सीमा तभी तय कर सकती है जब 50 प्रतिशत राज्य सहमत हों। केंद्र व एनडीए राज्य चाहें तो दो फेज में लोकसभा व विधानसभा चुनाव कराने का रास्ता
बन सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 में चुनाव जितने के बाद से ही एक चुनाव की वकालत
करते रहे हैं। राष्ट्रपति रहते कोविंद ने इसका समर्थन किया था।
40 साल से कवायदः निर्वाचन आयोग ने पहली बार 1983 में एक चुनाव पर सहमति जताई। 1999 में लॉ कमीशन ने इसका समर्थन किया और अगस्त 2018 में कमीशन ने दो चरण में चुनाव
कराने की सिफारिश की थी।