प्रशांत परासर, डिजिटल डेस्क, डेहरी ऑन-सोन। असम सरकार बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए दिसंबर में राज्य विधानसभा में एक विधेयक पेश कर सकती है। बहुविवाह एक से अधिक व्यक्तियों (एकाधिक पति/पत्नी) से विवाह करने की प्रथा है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने शनिवार (2 सितंबर) को असम के तिनसुकिया में एक सर्वदलीय बैठक को संबोधित किया और कहा कि राज्य सरकार अगले 45 दिनों में राज्य में बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को अंतिम रूप देगी।”राज्य सरकार बहुविवाह पर प्रतिबंध लगा सकती है या नहीं, इसका विश्लेषण करने के लिए एक कानूनी समिति का गठन किया गया था और हमें सकारात्मक विचार मिले हैं। हमने बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रस्तावित विधेयक पर जनता की राय और सुझाव भी मांगे। हमें जवाब में कुल 149 सुझाव मिले हैं । इनमें से 146 सुझाव विधेयक के पक्ष में हैं और वे बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन करते हैं। हालांकि, तीन सुझावों ने बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए अपना विरोध व्यक्त किया है। हमारा अगला चरण विधेयक का मसौदा तैयार करना है।
#WATCH राज्य में बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने पर असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "राज्य सरकार द्वारा बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है या नहीं, इसकी जांच के लिए एक कानूनी समिति का गठन किया गया था। बाद में, हमने जनता से उनकी राय मांगी कि क्या उन्हें कोई आपत्ति है। हमें… pic.twitter.com/cPMmEtkkXE
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 3, 2023
45 दिन में बिल का अंतिम रूप दिया जाएगा
उन्होंने कहा, “हम अगले 45 दिनों में मैकेनिकल इंजीनियरिंग को अंतिम रूप दे देंगे। मुझे लगता है कि मैं इस साल दिसंबर में विधानसभा में डेमोक्रेटिक पार्टी कर पाऊंगा।” इससे पहले असम में बहुविवाह को समाप्त करने के लिए कानून बनाने के लिए राज्य विधान मंडल की एकीकृत क्षमता की जांच करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था। समिति ने इस साल 6 अगस्त को अपनी रिपोर्ट असम के मुख्यमंत्री को सौंपी थी।
हिमंत कहते हैं, ”लव जिहाद को रोकने के लिए बिल में कुछ बिंदु जोड़ेंगे।”
इस बीच सीएम शर्मा ने आगे कहा, ”हम राज्य में लव जिहाद को रोकने के लिए बिल में कुछ बिंदु जोड़ेंगे।” सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (एएफएसपीए) को वापस लेने के मुद्दे पर बात करते हुए असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस पर काम कर रही है।