झारखंड में डेंगू और चिकनगुनिया कहर बरपा रहा है। पूरे राज्य में इस साल अब तक डेंगू के 584 और चिकनगुनिया के 223 मरीज चिन्हित किए गए हैं। एक दर्जन से ज्यादा जिले डेंगू और कम से कम दस जिले चिकनगुनिया की चपेट में हैं।
रांची, 6 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड में डेंगू और चिकनगुनिया कहर बरपा रहा है। पूरे राज्य में इस साल अब तक डेंगू के 584 और चिकनगुनिया के 223 मरीज चिन्हित किए गए हैं। एक दर्जन से ज्यादा जिले डेंगू और कम से कम दस जिले चिकनगुनिया की चपेट में हैं।
जमशेदपुर में डेंगू के मरीजों की संख्या सर्वाधिक 475 है, जबकि रांची दूसरे स्थान पर है। यहां एक मरीज की मौत हो चुकी है। रांची में डेंगू के 56 और चिकनगुनिया के 72 मरीज चिन्हित किए गए हैं।
यह आंकड़ा भी मैक एलाइजा टेस्ट का है। इनमें से 75 से 80 मरीज ऐसे हैं जिनकी एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। इलाज करा रहे मरीजों के लिए प्लेटलेट्स की कमी हो गई है। रांची के रातू रोड, बरियातू, इंद्रपुरी, कुम्हार टोली, मधुकम, चुटिया और वर्द्धमान कंपाउंड में डेंगू के कई ऐसे मरीज हैं, जो घर में ही इलाज करा रहे हैं।
हेल्थ डिपार्टमेंट के आंकड़ों के अनुसार रांची में जनवरी से अगस्त तक 786 लोगों की डेंगू और चिकनगुनिया की जांच की गयी है। वहीं, दो ऐसे मरीज हैं जिन्हें डेंगू और चिकनगुनिया दोनों है। रिम्स में 77 डेंगू पीड़ितों का इलाज चल रहा है। सरकारी के साथ-साथ निजी लैब में हो रही जांच में डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं।
राज्य के वेक्टर बोर्न डिजीज के एसपीओ डॉ बीके सिंह ने बताया कि झारखंड में डेंगू के सबसे अधिक मरीज पूर्वी सिंहभूम में हैं। डेंगू और चिकगुनिया के बढ़ते मामले को देखते हुए राजधानी रांची में प्लेटलेट्स की मांग में इजाफा हुआ है। हर दिन लगभग 10 यूनिट प्लेटलेट्स की जरूरत रांची में है।
आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में जहां प्लेटलेट्स की जरूरत 96 यूनिट थी, वह अगस्त से लेकर अब तक 252 यूनिट हो गयी है। रांची के 18 ब्लड बैंकों में 11 में एक यूनिट भी प्लेटलेट्स उपलब्ध नहीं हैं। वहीं 7 निजी ब्लड बैंकों में 66 यूनिट प्लेटलेट्स उपलब्ध हैं। हालांकि यहां भी समय पर प्लेटलेट्स मिल जायेगा, इसकी गारंटी नहीं है।
रिम्स के फिजिशियन डॉ सीबी शर्मा ने बताया कि रिम्स की ओपीडी में हर दिन 120 से ज्यादा मरीज डेंगू या इसके समान लक्षण लेकर पहुंच रहे हैं। जांच लिखने पर भी जांच कराने से कतराते हैं। 2-3 दिन में रिपोर्ट के साथ रिव्यू के लिए बुलाने पर भी नहीं आते। ओपीडी में ऐसे रोगी भी पहुंच रहे हैं, जिन्हें 7 दिन से अधिक समय से बुखार है। वहीं, यहां भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है।
मच्छर जनित बीमारियों की बढ़ी संख्या को देखते हुए राजधानी रांची के सरकारी अस्पतालों में अलग विशेष व्यवस्था की गयी है। रिम्स और सदर अस्पताल में डेंगू पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। रिम्स में जहां 50 बेड की व्यवस्था है, वहीं सदर अस्पताल में 36 बेड की व्यवस्था की गई है।
साथ ही डेंगू से बचाव के लिए वेक्टर जनित रोग राज्य कार्यक्रम की ओर से जिलों को गाइडलाइन जारी कर दिया गया है। टीम घर-घर जाकर मच्छरों के लार्वा भी नष्ट कर रही है। लार्वा की जांच करने के लिए नगर निगम ने 10 टीमों का गठन किया है।
गौरतलब है कि डेंगू का लार्वा साफ पानी में पनपता है। डेंगू एडीज मच्छर के काटने से होता है। इसमें व्यक्ति को तेज बुखार के साथ सिरदर्द और आंखों के पीछे दर्द होता है। इसके अलावा जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द के साथ थकान भी हो सकती है।