धनंजय कुमार आमोद सोनो। बिहार में नदियों पर बने पुल टूटने का सिलसिला जारी। अलबत्ता जमुई जिले के सोनो प्रखंड के वरनार नदी पर बने पुल बालू खनन की भेंट चढ़ी। और दर्जनों गांव का आगमन हुआ बाधित। बताते चलें कि सोनो प्रखंड मुख्यालय से दर्जनों गांवों को जोड़ने वाली वरनार नदी पर बना पुल बारिश के कारण पूरे तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। जिससे दर्जनों गांव के लोगों को आवागमन में परेशानी शुरू हो गई।
हालांकि प्रखंड प्रशासन ने पुल पर किसी भी प्रकार की भारी वाहन को परिचालन बंद कर दिया। वहीं प्रशासन के द्वारा मार्किंग कर कर लोगों को पुल से आने जाने पर रोक लगाई जा रही। है वरनार नदी पर बने इस कस्बे पुल का निर्माण 2009 में हुआ था। वरनार नदी के दूसरे तरफ रहने वाले दो दर्जन से अधिक गांव के हजारों लोगों के लिए प्रखंड मुख्यालय आने-जाने के लिए सीधे सड़क मार्ग पर या कस्बे पुल स्थित था।लेकिन यह पुल क्षतिग्रस्त हो जाने से लोगों को आवागमन में काफी परेशानी होगी।क्योंकि दूसरे रास्ते के सारे प्रखंड मुख्यालय या सोनो बाजार पहुंचने के लिए लोगों को 10 से 15 किलोमीटर के अतिरिक्त दूरी तय करनी होगी। सबसे ज्यादा नुकसान सोनो जाकर पढ़ाई करने वाले छात्र छात्राओं स्कूली बच्चों और बूढ़े बुजुर्गों को होगा।
साथ ही जो लोग जरूरी काम के लिए चंद मिनट में बाजार पहुंच जाते थे, उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। इस पूल के तेज बारिश के बाद नदी में बहाव तेज होने के कारण पुल का पिलर और प्लॉट पूरी तरह से बह चुका है। चुरहेत गांव के कामदेव सिंह ने बताया कि बीते महीने का अजमेर पुल वाले के नजदीकी बालू घाट से ठेकेदार के बेदर्दी नियमों को तोड़कर कई फीट गहराई तक बालू निकला था ।जिसका असर आज यह खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। पुल के पिलर के नीचे से बालू खिसक जाने और नदी में बारिश के बाद पानी का तेज बाहर के कारण नुकसान पहुंचा। और दर्जनों गांवों को इसकी समस्या झेलनी पड़ेगी।