
पटना- हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्यूलर) के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने रविवार को चुनावी राजनिति से सन्यास लेने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि 75 साल के बाद किसी व्यक्ति को भी चुनावी राजनिति नहीं करनी चाहिए। वैसे कुछ लोग हैं, जो चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन मैं तो 79 साल का हो गया हूं और ऐसे में चुनाव लड़ना मेरे सिध्दांतो के खिलाफ होगा। ऐसे में अब वो किसी तरह का कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे। गौरतलब है कि हाल ही में जीतन मांझी ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और कहा था कि लोकसभा सीटों को लेकर वो मुलाकात करने नहीं आए थे। एनडीए में जो भी सीट देगी, उस पर जीत की कोशिश रहेगी। हमारा उद्देश्य बिहार की सभी 40 सिटों पर एनडीए को जीत दिलाने में भाजपा का सहयोग करना है। वहीं ठाकुर कविता विवाद पर जीतन राम मांझी का एनडीए से मतभेद सामने आया था। जहां भाजपा ने राजद सांसद मनोज झा का विरोध किया था और उनके बयान को जाति विरोधी करार दिया था। वहीं मांझी ने मनोज झा का समर्थन करते हुए कहा था कि उन्होंने कुछ गलत नहीं बोला और न ही किसी जाति विशेष पर टिप्पणी की। मांझी ने नीतिश कुमार के एनडीए के पाले में आने की संभावनाओं को बल देते हुए कहा कि लालू यादव और तेजस्वी यादव पहले ही नितिश कुमार को पलटूराम कह चुके हैं।