केंद्रीय चयन पर्षद की ओर से सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के कारण परिक्षा रद्द कर दी गई है। सिपाही भर्ती परिक्षा में पेपर लीक होने के कारण छात्रों और शिक्षकों में काफी आक्रोश है।क्योंकि मेधावी छात्र बैठे- बैठे रह जाते हैं और नकलची सेटिंग से नौकरी ले जाते हैं। वैसे छात्र जो गरीब परिवार से आते हैं और काफी दिनों से इस परिक्षा को लेकर तैयारी में जुटे थे उन्हें अब आगे और आर्थिक समस्या झेलना होगा। पहले ही उनके पिता या परिवार वालों ने पाई- पाई जोड़कर उन्हें पढ़ाया और कोचिंग भी कराया, लेकिन पेपर लीक ने उनका बेड़ा गर्क कर दिया। हालांकि छात्रों में इस बात की खुशी भी है कि परीक्षा रद्द होने से अब वैसे अभ्यार्थीयों का चयन नहीं होगा, जिनका परीक्षा में सेटिंग व पेपर लीक की वजह से चयन होना तय था ।
7 और 15 वाली परीक्षा को कैंसिल करना सही नहींफिजिकल टीचर मोनू रंजन के अनुसार 1अक्टूबर को बिहार पुलिस की परीक्षा के पेपर लीक होने के कारण अगले 7 और 15 वाली परिक्षा को कैंसिल नहीं करना चाहिए था। केंद्रीय चयन पर्षद के पास इतना समय था कि वह पेपर को फिर से 7 और 15 अक्टूबर को होने वाली परिक्षा का पेपर सेट कर सकती है थी। उन्होंने बताया कि बिहार पुलिस के परिक्षा में रिटर्न परिक्षा नहीं होना चाहिए रिटर्न परिक्षा का मार्क्स सिर्फ क्वालिफाइंग होता है उसका मार्क्स नहीं जुड़ता हैं । जिस वजह से सिपाही भर्ती प्रक्रिया में सिर्फ फिजिक्ल इंटरव्यू आधारित होना चाहिए छात्र कोचिंग के लिए पैकेज खरीदते हैं प्रतियोगिता परिक्षा की तैयारी कराने वाले शिक्षक राजकिशोर दूबे की मानें तो पेपर लीक होने के बाद पेपर को रद्द करना अच्छा कदम है। बिहार पुलिस की तैयारी करनें वाले में 90 प्रतिशत से अधिक गरीब तबके के छात्र होते हैं।