रांची झारखंड। इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की जांच में खुलासा हुआ कि शीर्ष नक्सली प्रद्युम्न शर्मा ने मगध जोन में नक्सली संगठन को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया था। इसमें सेंट्रल कमेटी से लेकर नक्सलियों के अलावा हथियार सप्लायर भी शामिल रहे थे। नक्सलियों ने इसके लिए लेवी भी वसूली थी। इस वसूली का प्रयोग हथियार खरीदने, आइडी तैयार करने, नये कैडर तैयार करने और उन्हें ट्रेनिंग देने के लिए किया जा रहा था। प्रद्युम्न के सहयोगियों में अभिनव उर्फ गौरव उर्फ बिट्टू उर्फ अतुल, हथियार सप्लायर धनंजय पासवान और सेंट्रल कमेटी के नक्सली विजय आर्य का नाम शामिल है। नक्सली नाम बदलकर लेवी के लिए पत्र लिखते थे। पत्र और अतुल के हस्ताक्षर की हैंडरइटिंग मिलाने पर बात की पुष्टी हुई है। इसके अलावे लेवी वसुलने के संबंध में सेंट्रल कमेटी के नक्सली विजय आर्य ने भी पत्र लिखा था। अतुल और प्रद्युम्न शर्मा लेवी वसूलने के संबंध में आपस में बात भी किया करते थे। इस बात की पुष्टि दोनों के आवाज मिलान से हुई थी। लेवी की वसुली ठेकेदार, ईंट भट्टा करोबारी, ट्रांसपोर्ट सहित अन्य करोबारियों से की जाती थी। एनआईए ने केस के दौरान कई गवाहों के बयान भी दर्ज किये हैं। जिसके आधार पर लेवी वसूलने की पुष्टि हुई है।