
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वृंदावन स्थित श्रीबांके बिहारी मंदिर आने वाले श्रध्दालुओं की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए सरकार को आड़े हाथ लिया है। कोर्ट ने कहा, राज्य सरकार बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को लेकर गंभीर नहीं है। उसकी नजर मंदिर के खजाने पर है। चीफ जस्टिस प्रींतिकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ गुरुवार को मंदिर के सेवायतों और सरकार के बीच मंदिर प्रांगण के पुननिर्माण के मुद्दे पर सहमति को लेकर सुनवाई कर रही थी। सरकार ने बताया ,मंदिर की राशि से कॉरिडोर के विकास के लिए पांच एकड़ भूमि खरीदने की योजना है। बाकी निर्माण कार्यों में सरकार अपने पैसे खर्च करेगी। वहीं सेवायतों ने कोर्ट में बताया कि सरकार ने उन्हें किसी योजना की कोई जानकारी नहीं दी। राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट में बताया कि वे मंदिर प्रशासन के साथ साझेदारी में काम करना चाहते हैं। इसलिए सरकार के नाम पर भूमि अधिग्रहीत नहीं कर रहे हैं। मंदिर के धन से ही इसे खरीदा जाएगा। इस पर जस्टिस श्रीवास्तव ने कहा, सरकार पहले खुद 500 करोड़ रुपए खर्च कर गलियारे के निर्माण की बात कह रही थी। अब मंदिर के धन लेने की बात कह रही है। सीधे शब्दों में कहें तो राज्य चाहता है। कि मंदिर प्रशासन उन्हें भूमि खरीदकर विकास के लिए सौंप दे। जस्टिस प्रींतिकर ने कहा, ऐसा लगता है सरकार कॉरिडोर को लेकर गंभीर नहीं है।