पटना । आज की तारीख में कैंसर रोग बहुत बड़ी स्वास्थ्य समस्या है। जिस परिवार में इस बीमारी का पता चलता है उस परिवार की दिनचर्या (स्थिति) हीं बदल जाता है। प्रत्येक वर्ष 20 मिलियन से ज्यादा कैंसर के नए मरीजों का पता चल रहा है। कैंसर के वजह से लगभग 10 मिलियन मौतें प्रत्येक वर्ष हो रही है। जो कि एक भयावह डाटा है। ऐसे में कैंसर की रोकथाम और जल्दी (प्रारम्भ) में हीं उसकी पहचान हम सबों का उतरदायित्व बनता है। एक तिहाई कैंसर को विभिन्न उपायों से रोका जा सकता है। लगभग 10 -12 प्रतिशत कैंसर संक्रमण की वजह से होता है। जिसमें सर्वाइकल कैंसर वच्चेदानी के मुँह का कैंसर, लिवर कैंसर, (मलद्वार का कैंसर) लिमफोमा आदि मुख्य है। सर्वाइकल कैंसर के अधिकांश केस (बीमारी) संक्रमण के कारण होता है। लिवर कैंसर का मुख्य कारण संक्रमण है। आज के समय में एच पी वैक्सीन उपलब्ध है। जिससे सर्वाइकल कैंसर को रोका जा सकता है। एच पी वी वैक्सीन के विभिन्न प्रकार (बी-वेलेंट), टेट्रा वॉल्यूम, (नाइन – वालेन्ट वैक्सीन) टीकाकरण के लिए उपलब्ध है। एच पी वी वैक्सीन सामान्यतः 9 — 26 वर्ष के उम्र के बालिकाओं को दिया जाता है। प्रीफेरेड उम्र वैक्सीन का 9– 14 वर्ष है। यह वैक्सीन बालकों के लिए भी अनुशंसित है। वैक्सीन प्रभाव दर, सर्वाइकल कैंसर के लिए 97 प्रतिशत है (यानि 100 में से 97 लोग इससे बच सकते हैं। सर्वाइकल कैंसर से सुरक्षित रह सकते हैं। उसी प्रकार से हेपटाइटिस बी वैक्सीन के द्वारा लिवर कैंसर के अधिकांश केसेज को रोका जा सकता है। टीके के द्वारा कैंसर के रोकथाम के विषय में लोगों को जागरूक करना हम सब का दायित्व बनता है। जिससे लाखों लोगों की जान बचाया जा सकता है। एवं उन्हें बेहतर जीवन दिया जा सकता है। इस जागरूकता अभियान में मीडिया की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे जागरूकता फैलाने वाला खबर प्रमुखता से प्रकाशित करने से लोग कैंसर के प्रति जागरूक होंगे एवं मेरे कैंसर मुक्त प्रदेश, ( देश) बनाने के मुहीम को सहयोग प्रदान होगा।
डॉ रिदु कुमार शर्मा, एम डी, डी एम, मेडिकल ऑनकलॉजी , मगध कैंसर सेंटर (पटना) बिहार संपर्क सूत्र — 9297680831