डिजिटल टीम, डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास)। अकोढीगोला प्रखंड के मुड़ियार पंचायत के नावाडीह में आयोजित पांच दिवसीय श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ के तीसरे दिन पंडित सुरेश शास्त्री जी ने महाराज ने कहा कि बेटा भाग्य से होता है लेकिन सौभाग्य से होती है बेटी। कहा कि वे अपना हक स्वय लेकर आती है और जब वह शादी होकर बिदा होती है तो सब कुछ छोड़कर जाती है। लोग सोचते हैं कि जब बेटी जन्म लेगी तो शादी-विवाह कहा से करेगे। दहेज इतनी चरम सीमा पर है जितना भगवान राम के लिए धनुष तोड़ना भी कठिन नहीं था। जो आज दहेज रूपी धनुष को तोडंना इस कलियुग मे कठिन समझा जा रहा है। लेकिन आपने कभी सुना नही होगा कि धन के अभाव मे लडकी कुंवारी रह गई। बेटी लक्ष्मी का रूप होती है बेटी रिद्धि और सिद्धि मानी जाती है। बेटा सबके घर मे होता है भाग्य से लेकिन बेटी घर मे होती है सौभाग्य से। यदि आपके घर मे भगवान ने बेटी दिया है तो आप समझ लीजिए कि आपसे बडा इस दुनिया मे सोभाग्य शाली कोई नही है।