भभुआ प्रखंड के रतवार पंचायत के शिवपुर राजकीय कृत मध्य विद्यालय परिषर में दो आंगनबाड़ी के बना था जिसमे एक आंगनबाड़ी केंद्र को भभुआ प्रखंड प्रमुख के पति राघवेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा जेसीबी लगा कर तोड़ दिया गया क्योंकि की उस विद्यालय में प्रमुख के दो योजना चल रही थी जिसमे खेल मैदान एवं बाउंड्री का कार्य किया जा रहा था। जब कि बिना एनओसी लिए ही सरकारी भवन को तोड़ देने का मामला पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। कारण भूकम्प में गिरने का हवाला दिया जा रहा है तो वही पूर्व प्रखंड प्रमुख पति कमलेश सिंह ने आरोप लगाया कि प्रखंड प्रमुख के पद का धौस जमाते हुए सरकारी भवन को बिना अनुमति को तोड़ा गया जिसको लेकर डीएम से आवेदन देकर कार्रवाई का मांग किया है।बता दे कि रतवार पंचायत के शिवपुर गाँव मे तीन आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है जो किराए के मकान में चलता है ।
जबकि वर्ष 2011 से 2016 में पंचायत से एक और दूसरा पंचायत समिति से लाखों रुपये खर्च कर दो आंगनबाड़ी केंद्र भवन को बनाया गया पर विभाग को हैंडओवर नहीं किया गया ना कभी आंगनबाड़ी संचालित हुआ।रख रखाव के कारण भवन जर्जर पड़ा था जब विद्यालय परिषर में प्रमुख द्वारा कार्य चल रहा था तो एक आंगनबाड़ी केंद्र को बिना अनुमति के तोड़ दिया गया और मलवे को साफ कर दिया गया।
भुआ प्रखंड प्रमुख के प्रतिनिधि राघवेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि शिवपुर मध्य विद्यालय परिषर में दो योजना खेल मैदान,स्टेज,सड़क,पुराने भवन को जीणोद्धार किया जा रहा है वहाँ दो आंगनबाड़ी केंद्र बना था जो आज तक संचालित नहीं हुआ जिससे एक भवन काफी जर्जर था फिलहाल में आया भूकम्प में गिर गया था तो जेसीबी से साफ कराया दिया गया।
वही पूर्व प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि कमलेश सिंह ने बताया कि शिवपुर मध्य विद्यालय में वर्तमान प्रखंड प्रमुख द्वारा योजना से कार्य हो रहा है 14 लाख 82 हजार के लागत से जिसमे बिना अनुमति के एक आंगनबाड़ी केंद्र को जेसीबी से तोड़ कर गिरा दिया गया जो कार्य हो रहा है उसमें भी अनियमितता बरती जा रही है आज डीएम को लिखित आवेदन दिया है कि मामले की जाँच कर कार्रवाई किया जाए।स्कूल के प्रधानाध्यापक बिपिन बिहारी सिंह ने बताया की विद्यालय परिषर में प्रमुख द्वारा कार्य किया जा रहा है एक आंगनबाड़ी केंद्र जो जर्जर था उसे तोड दिया गया।
वही ग्रामीण श्याम देव राम ने बताया कि मेरे गाँव मे तीन आंगनबाड़ी केंद्र गांव में चलता है जो भाड़े के मकान में जबकि दो आंगनबाड़ी केंद्र स्कूल में बना था पर कभी उसमें पढ़ाई नहीं हुई आज से दस वर्ष पहले बना था ।अब सवाल है कि कोई भी सरकारी भवन बिना विभाग के अनुमति के कैसे तोड़ दिया गया ,दो आंगनबाड़ी भवन जिसमे लाखो रुपये खर्च किया गया तो विभाग को हैंडओवर क्यो नहीं किया गया अब जाँच के बाद क्या कार्रवाई होता है।