नागपुर, सात दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने अपने कैबिनेट सहयोगी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अजित पवार को पत्र लिखकर राकांपा विधायक नवाब मलिक को राज्य की सत्तारूढ़ ‘महायुति’ या महागठबंधन में शामिल करने पर विरोध जताया।नवाब मलिक प्रवर्तन निदेशालय के एक मामले में आरोपी हैं। इससे पहले दिन में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता अंबादास दानवे और सुषमा अंधारे ने मलिक के सत्ता पक्ष में शामिल होने को लेकर सरकार पर निशाना साधा था।
भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से जुड़े धनशोधन के मामले में ईडी ने मलिक को फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह चिकित्सकीय आधार पर जमानत पर हैं। मलिक ने बृहस्पतिवार को यहां महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में भाग लिया। वह विधानसभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के विधायकों के पास में बैठे थे। राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना शामिल हैं।
फडणवीस ने अजित पवार को लिखे अपने पत्र में कहा कि मलिक को एक विधायक के रूप में विधानसभा की कार्रवाई में भाग लेने का अधिकार है। उन्होंने कहा ,‘‘ हमारी (भाजपा) उनके खिलाफ कोई व्यक्तिगत दुश्मनी या द्वेष नहीं है। लेकिन जिस प्रकार के आरोपों का वह सामना कर रहे हैं, उसे देखते हुए हमारा मानना है कि उन्हें महायुती में शामिल करना उचित नहीं होगा।’’ गिरफ्तारी के समय मलिक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार में कैबिनेट मंत्री थे।
कांग्रेस नेता एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने एक बयान में दावा किया कि दिन में प्रस्तुत की गईं पूरक मांगों में धन आवंटन से ‘‘वस्तुत: मलिक को फायदा होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मलिक ने अजित पवार को समर्थन देने वाला एक हलफनामा दाखिल किया है। वडेट्टीवार ने साथ ही कहा कि सरकार उन्हें अपने पक्ष में चाहती है ‘‘लेकिन आधिकारिक तौर पर नहीं।’’