नयी दिल्ली, 10 दिसंबर (भाषा) दिवंगत टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन के पिता एम. के. विश्वनाथन का यहां एक अस्पताल में निधन हो गया। अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए विश्वनाथन ने 15 साल की लंबी लड़ाई लड़ी। बेटी के हत्यारों को अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के कुछ हफ्ते बाद उनका निधन हो गया। उनकी उम्र 82 साल थी।
विश्वनाथन को 2008 में उनकी बेटी की हत्या करने वाले चार लोगों की सजा पर सुनवाई से दो दिन पहले दिल का दौरा पड़ने के बाद दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शनिवार तड़के विश्वनाथन की मौत हो गई और उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है। सौम्या की नेल्सन मंडेला मार्ग पर तब गोली मारकर हत्या कर दी गई जब वह 30 सितंबर, 2008 को काम के बाद कार से तड़के घर लौट रही थीं।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सौम्या के पिता ने एक वीडियो लिंक के माध्यम से साकेत अदालत को 25 नवंबर को बलजीत मलिक, रवि कपूर, अमित शुक्ला और अजय कुमार को आजीवन कारावास की सजा देते हुए सुना। वह तब गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में थे। न्यायाधीश ने जब हत्यारों को सजा सुनाई तो विश्वनाथन की पत्नी माधवी अपनी दूसरी बेटी और दामाद के साथ अदालत में मौजूद थीं। सौम्या के हत्यारों को अदालत ने 18 अक्टूबर को दोषी करार दिया था।
निजी कंपनी में कर्मचारी रहे एम के विश्वनाथन और दिल्ली विश्वविद्यालय की सेवानिवृत्त व्याख्याता उनकी पत्नी ने अपनी बेटी को न्याय के लिए कठिन अदालती लड़ाई में जीत हासिल की। विश्वनाथन ने 18 अक्टूबर को फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा था कि उनकी बेटी वापस नहीं आएगी, लेकिन उन्हें खुशी है कि उसे न्याय मिला है।