
सासाराम (रोहतास)। रोहतास जिले में प्राइवेट हॉस्पिटल और नर्सिंग होम में इमर्जेंसी वार्ड का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है। इमर्जेंसी के नाम पर मरीजों का जमकर आर्थिक शोषण होता है। रोहतास जिले के कोई भी हॉस्पिटल इससे संबंधित तकनीति और वैधानिक शर्त को पूरा नहीं कर कर रहे हैं। जिले के सिविल सर्जन केएन तिवारी का कहना है कि इमर्जेंसी वार्ड के 24 घंटे संचालन के लिए जरूरी है कि वहां पर एमडी (इमर्जेंसी) के डिग्रीधारी डॉक्टर की नियुक्ति हो। इसके अलावा एमसीआई और बिहार सरकार ने इसके लिए तकनीकि प्रावधान तय किए हैं। मिली जानकारी केअनुसार, पूरे रोहतास जिले में इस डिग्री वाला कोई भी मौजूद नहीं है। उन्होंने बताया कि जिले में सदर अस्पताल और जमुहार स्थित एनएमसीएच में डायलिसिस सेवा के संचालन की अनुमति मिली है। कहा कि बिहार सरकार के विशेष प्रावधानों के अंतर्गत सदर अस्पताल में बेहत न्यूनमत दर पर डाललिसिस करवाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एमसीआई का गाइडलाइन्स का पालन नहीं करने वाले संबंधित नर्सिंग होम-हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अवैध तरीके से संचालित होने वाले नर्सिंग होम, हॉस्पिटल और अन्य जांच केंद्रों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिला स्वास्थ्य विभाग आम लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सजग है।
