पटना (24 दिसंबर)। जन सुराज के संस्थापक और पदयात्रा अभियान के प्रणेता प्रशांत किशोर ने कहा है कि जन सुराज महात्मा गांधी के विचारों का प्रतिनिधित्व करता है। वे महात्मा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस की विचारधारा के विल्कुल करीब है।जिस तरह आजादी के संघर्षों के जमाने में महात्मा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस थी जिसमें सभी धर्मों, जातियों, सभी विचारधारा के लोग बिना किसी भेदभाव के शामिल थे। उसी कांग्रेस की विचारधारा को पुनर्जीवित करना देश की सेहत के लिए जरूरी है। वे मीडिया कर्मियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तब गांधी जी के नेतृत्व वाली कांग्रेस में हिन्दू, मुसलमान,सिख,ईसाई, किसान, मजदूर,अमीर,गरीब सभी शामिल थे और सभी लोगों का मकसद अंग्रेजों से देश को आजाद कराना था। ठीक उसी रास्ते पर जन सुराज चल रहा है जिसमें सभी जाति, धर्म और संप्रदाय के लोगों को एक जुट करने में सक्रिय हैं। आज़ का मकसद बिहार को जातिवादी और धर्मवादी राजनीतिक दलों से आजादी दिलाना है। उक्त जानकारी देते हुए प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार ठाकुर ने कहा है कि प्रशांत किशोर जी के उक्त बयान का अपने नजरिए से मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए। प्रशांत किशोर स्पष्ट कहते हैं कि देश में नाथूराम गोडसे की विचारधारा के फैलाव तभी रोके जा सकते हैं जब महात्मा गांधी की विचारधारा को अपनाया जाए। गांधी की विचारधारा सबसे मुफीद और सर्वमान्य है। उन्होंने कहा कि जन सुराज महात्मा गांधी की विचारधारा और बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर के संविधान में बताए गए कानून व्यवस्था और लोकतंत्र को पुनर्स्थापित करने के जज्बा के साथ जनता के बीच आया है। हमारा उद्देश्य फिलहाल बिहार में बसने वाले सभी बिहारियों को संगठित कर बिहार की भ्रष्टाचारी सत्ता और व्यवस्था को समाप्त कर एक लोकतांत्रिक व ईमानदार व्यवस्था सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि हालिया इन्टरव्यू को इसी नजरिए से देखना चाहिए। श्री ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा के करीब होने का ही मतलब है कि जन सुराज में केवल महात्मा गांधी का फोटो लेकर हमारे नेता प्रशांत किशोर जी पदयात्रा में चलते हैं।जन सुराज शुद्ध रूप से महात्मा गांधी के विचारों का प्रतिनिधित्व करता है।