
अभिषेक कुमार, तिलौथू ।अंग्रेजी नववर्ष के स्वागत को लोग अभी से ही तैयारी मे जुटे गये हैं। नये साल पर वनभोज की योजना बना रहे हैं। अगर आप भी ऐसी कोई योजना बना रहे हैं तो नौहट्टा के जंगल व सोन की हसीन वादियां आपके इस्तकबाल को तैयार है। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य से आच्छादित तुतुला भवानी ईको पर्यटक स्थल, कशिश वॉटर फॉल,महादेव खोह, सावन स्रोत, भुखी खोह, डबुआ मोड़, वंशी नाला आदि दर्जनभर पर्यटन स्थल है। भले ही सरकार की नजर से ये पर्यटकस्थल ओझल है लेकिन यहां के जंगल मे राष्ट्रीय पक्षी मोर का कलरव तथा सोन मे विचित्र प्रकार के पक्षी कलरव प्राकृतिक सुषमा मे चार चांद लगा देते है।
तुतुलाभवानी
तिलौथू प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत तुतुला भवानी इको पर्यटक स्थल तिलौथू से पश्चिम की ओर लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां जंगल एवं तुतुला भवानी इको पर्यटक स्थल व वाटर फॉल का रील बनाने तथा पिकनिक मनाने वाले पर्यटक अधिकांश लोग पहुंचते हैं। जुलाई के महीने में भोजपुरी फिल्म एक्टर यश कुमार एवं लोक प्रसिद्ध गायिका शिवानी सिंह, फिल्म बनाने एवं रील बनाने के लिए पहुंचे थे जिसे लेकर आस पास के इलाकों के काफी चर्चा में आया था। वहीं तुतुला भवानी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जज संजय कोरोल बताते हैं कि तुतुला भवानी का महत्व मां भगवती के 18 शक्ति पीठों की तरह है। तिलौथू प्रखंड का ये पर्यटक स्थल आध्यात्मिक धार्मिक सांस्कृतिक महत्व है।
महादेव*खोह
महादेव खोह तीन तरफ से दो हजार फीट पहाड़ से घिरा हुआ है चौथी ओर से करीब डेढ किलोमीटर घने जंगल होकर पैदल जाना पड़ता है। जंगल मे बहुतायत संख्या मे मोर व बंदर है। जंगली फूलो व औषधीय पेड़ पौधों की खुश्बू चारो ओर बिखरता है। जलप्रपात के पास प्राचीन शिवमंदिर है। जलप्रपात के पानी का टीडीएस बीस के आसपास है। पानी पीते ही दस मिनट के अंदर सारा भोजन पच जाता है। महादेव खोह मे लहसुन प्याज मांस मछली बनाना खाना वर्जित है।यहां पहुंचने के लिए डेहरी आॅन से बस द्वारा दारानगर तथा दारानगर से आॅटो द्वारा महादेव खोह जंगल मे पहुंच सकते हैं।
दसशीशानाथ
बिहार झारखंड के सीमा पर तथा सोन कोयल व सरस्वती नदी के संगम पर मध्य सोन मे दसशीशानाथ स्थित है। यहां चारो तरफ से पानी है तथा वहां तक पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है। उक्त स्थल पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश संजय कोरोल पटना हाईकोर्ट के न्यायधीश अंशुमन पांडेय, आईजी मनु महाराज, विकास वैभव आदि कई वीआईपी पूजा पाठ किए है। किंवदंतियों के अनुसार रावण द्वारा शिवलिंग स्थापित है। उक्त स्थल के पास भी पिकनिक मनाने के लिए लोग आते हैं। यहां भी लहसुन प्याज वर्जित है।यहां पहुंचने के लिए डेहरी आॅन सोन रामारानी मोड़ से बस द्वारा भदारा तथा भदारा से आॅटो द्वारा बांदू सोन मे पहुंचा जा सकता है।
भुखी*खोह
नौहट्टा प्रखंड मे भुखी खोह चारो तरफ पहाड़ व घने जंगल से घिरा है। जलप्रपात का पानी सदैव बहते रहता है। भुखी खोह के पानी का टीडीएस तीस के आसपास है। यहां काली माता मंदिर है जिसके कारण काली खोह के नाम से लोग जानते हैं। तामसी प्रवृति के लोग यहां काफी संख्या मे पिकनीक मनाने आते है। यहां पहुंचने के लिए डेहरी आॅन सोन रामारानी मोड़ से देवीपुर तथा देवीपुर से बौलिया आॅटो से जाया जाता है। बौलिया से डेढ किलोमीटर घने जंगल मे नदी किनारे मंदिर है।
बंशी*नाला
बंशी नाला चुटिया थाना क्षेत्र मे आता है तथा इस जंगल मे जंगली सुअर व भालू बहुतायत है। इसके अलावा गुडमार, जामुन सीध, सीज, आंवला करासन, बांस, करंज, बीआ महुआ के पेड़ भी काफी है बंशी नाला भी सडक से करीब एक किलोमीटर घने जंगल से होकर जाना पड़ता है। उक्त स्थल पर भी लोग पिकनीक मनाने तथा प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठाने के लिए पहुंचते है। मांसाहारी प्रवृति के लोग काफी संख्या मे यहां पहुंचते है। पानी का टीडीएस भी तीस के आसपास है। बंशी नाला के पानी डायबीटीज व बीपी नियंत्रण बहुत तेजी से करता है। उक्त स्थल पर पहुंचने के लिए डेहरी रामारानी मोड़ से यदुनाथपुर की गाड़ी द्वारा तिअरा खुर्द उतना पड़ता है तथा करीब तीन किलोमीटर पैदल चलकर बंशी नाला पहुंचना पड़ता है।
सताईस*नंबर
नौहट्टा प्रखंड के सोन नद के किनारे सूर्यमंदिर के पास भी पिकनीक मनाने के लिए काफी संख्या मे लोग आते है। सताईस नंबर अंग्रेज के द्वारा दिया गया नाम है। उक्त स्थल काफी खुबसुरत है। जपला सिमेंट फैक्ट्री का रोपवे द्वारा लाइमस्टोन उक्त रास्ते ही जाता था। उक्त स्थल पर भी लहसुन प्याज तक वर्जित है। मंदिर परिसर से अलग मांस मछली लोग बनाकर खाते है। उक्त स्थल पर पहुंचने के लिए डेहरी रामारानी से बस द्वारा देवीपुर तथा देवीपुर से आॅटो द्वारा सताईस नंबर पहुंचा जाता है।
सोनडीला
प्रखंड क्षेत्र के सोन नद मे तीस किलोमीटर की परिधि मे फैला सोनडीला मे बिहार झारखंड के आसपास के स्थानीय लोग पिकनीक मनाने जाते है। सोनडीला पर हजारों की संख्या मे अवैध शराब भट्ठी है। सोनडीला पर पीयक्कड लोग ही पिकनीक मनाने जाते हैं तथा शराब के नशे मे धूत होकर अपने घर लौटते है।
रील बनाने के*लिए*पहुंचते*है*पर्यटक
नौहट्टा प्रखंड के जंगल मे रील बनाने वाले तथा पिकनीक मनाने वाले अधिकांश लोग पहुचते है। जुलाई के महीने मे रेहल के घने जंगल मे हाॅरर रील बनाने के लिए सीवान व कलकता से लोग पहुंचे थे जिसे लेकर जंगल काफी चर्चा मे आया था। वहीं दसशीशानाथ को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जज संजय कोरोल बताते हैं कि दसशीशानाथ का महत्व ज्योर्तिलिंग के तरह है। नौहट्टा प्रखंड का अध्यात्मिक धार्मिक सांस्कृतिक महत्व है।पर्यटक हब की अपार संभावना के बावजूद सरकार ने कोई पहल नही की।