डिजिटल टीम, डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास)। हर हाथ रक्तदान अभियान के माध्यम से बिहार के विभिन्न जिले में लोगों को जागरूक कर रही संस्था सबल ने आज डेहरी में रक्तदान शिविर आयोजित किया। रक्तदान शिविर आयोजन से पुर्व रक्त के आभाव में प्रसुति के समय जच्चा और बच्चा दोनो का जीवन खतरे में होता है। और अधिकांश केस में जच्चा और बच्चा दोनो को बचा पाना मुश्किल हो जाता है। इस समस्या को लेकर सबल डेहरी के लोगों के बीच से बैनर पोस्टर के साथ साथ घर घर जाकर 51 दिवसीय जागरूकता अभियान चलाया। रक्तदान को लेकर लोगों के बीच जो भ्रांति है। उसपर संवाद स्थापित कर जो लोग नियमित रक्तदान करते हैं। उनसे उनके अनुभव से अवगत कराया ताकि जो लोग अपने जीवनकाल में इस वजह से रक्तदान नही किए हैं। कि रक्तदान करने से कमजोरी होती है। उनके मिथक टूटे उनकी यह भ्रान्ति उनके मस्तिष्क से विस्मृत हो। एवं रक्तदान करने से स्वयं को डायबिटीज, कैंसर, ब्लड प्रेशर जैसे अनेकों जानलेवा बीमारियों से खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है। विगत महीनों से जारी रक्तदान जागरूकता में व्यक्तिगत स्तर पर रक्तदाता से सम्बन्ध स्थापित करने का प्रयास विशेष तौर पर वैसे पुरुष महिला को जोड़ने का रहा जो रक्तदान करने की श्रेणी में आते है। लेकिन अभी तक रक्तदान जैसे पुनीत कार्य में उनकी भागीदारी नगण्य है। दिनांक 17 मार्च 2024 दिन रविवार को मां डायग्नॉस्टिक सेंटर के परिसर में सबल द्वारा अमृत की बूंद 10.0 रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। रक्तदान शिविर में आने वाले प्रत्येक रक्तदाता को सर्वप्रथम चिकित्सीय प्रणाली के अनुरूप हीमोग्लोबिन, ब्लड प्रेशर, सुगर, एवम अन्य जांच की प्रक्रिया को पूरी तत्परता से पूर्ण करने के बाद जो रक्तदाता शत प्रतिशत सटीक पाए जा रहे हैं। उन्हे रक्तदान हेतु रक्तदान कक्ष में ले जाकर आगे की प्रक्रिया की जा रही है। जबकि जिस पुरुष या महिला हीमोग्लोबिन या किसी अन्य प्रकार की कमी पाई जा रही है। उन्हे आयरन की गोली एवम अन्य औषधि उपलब्ध कराई जा रही है। जिससे वह शीघ्र स्वास्थ्य लाभ ले सकें। डेहरी प्रखंड मे इस कैंप को मूर्त रूप दे रहे सबल के डेहरी प्रखण्ड के कोर्डिनेटर नीलकमल पाण्डेय ने बताया कि रक्तदान के लिए जो आवेदन प्राप्त हुए है। उनके अलावा कुछ वैसे लोग भी आ रहे हैं जो आवेदन नही कर पाए थे उनके आवेदन की प्रक्रिया पूरी करते हुए रक्तदान कराया जा रहा है। संस्था का यह दसवां रक्तदान शिविर है। जबकि डेहरी जैसे छोटे बाजार में यह पहला रक्तदान शिविर है। लेकिन बड़ी उपलब्धि यह है की जो रक्तदान जागरूकता चलाया गया था। उसके परिणाम स्वरूप उम्मीद से ज्यादा संख्या में रक्तदान शिविर में रक्तदान करने वाले की संख्या हैं। जिसमें मुख्य रूप से 60 % वैसे रक्तदाता हैं जो पहली बार रक्तदान कर रहे हैं । आज के पहले रक्तदाता श्याम कमल पाण्डेय रहे। अपने जीवन काल का पहला रक्तदान कर रहे प्रांत सह प्रमुख धर्म प्रसार विभाग विश्व हिन्दू परिषद के भोला चौहान ने किया। ऐसे रक्तदाता हम सभी के कार्यों को बल देते है।जिससे की संस्था अपने प्रत्येक दायित्व को और प्रमुखता से निभाने का कार्य आगे भी करती रहे। रक्तदान शिविर को सुगमतापूर्वक संचालित करने हेतु पूनम ब्लड सेंटर सह हॉस्पिटल के शंभू कुमार, जी, एवम चिकित्सकों की पूरी टोली भी अपने अपने कर्तव्यों के प्रति काफी उत्सुक दिखे। चिकित्सक की टोली ने यह सुनिश्चित किया की प्रत्येक रक्तदाता के हर एक चिकित्सीय दिशा निर्देश की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद ही रक्तदान कराया गया है। एवम उनके जलपान, विश्राम के साथ स्वच्छता और कोरोना महामारी के नियमावली को भी प्रमुखता से पालन किया गया है।
रक्तदान शिविर में आए रक्तदाता, चिकित्सक की टोली, सबल सदस्य एवम अन्य के साथ आपसी बातचीत के दौरान सबल अध्यक्ष सौरभ कुमार उपाध्याय ने बताया कि एक रिपोर्ट के अनुसार प्रति दो सेकेंड के अंतराल पर एक व्यक्ति कि मौत समय पर रक्त उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण होती है। जबकि अकेले भारत में तीस लाख लोग प्रतिवर्ष रक्त के आभाव में मौत हो जाती है। सबल इसी मौत की खाई को कम करने के लिए रक्तदान के प्रति लोगो जागरूक करने हेतु प्रखण्ड स्तर पर रक्तदान शिविर का आयोजन लगातार कर रहा है।
आज के रक्तदाता यश उपाध्याय ने स्वयं रक्तदान करते हुए अपने साथियों से भी लगातार सम्पर्क करते हुए रक्तदान केन्द्र तक पहुंचाकर रक्तदान की प्रक्रिया पूरी कराने में महती भूमिका निभाया। अंकित कुमार, जे बी जायसवाल, शेरा यादव उर्फ लकी कुमार, विकाश कुमार एवम अन्य रक्तदता रक्तदान की कतार में रहे।
इस कैंप में तकनीकी कार्य की टीम को नेतृत्व कर रहे सबल सदस्य दीपक सिंह ने बताया कि आए हुए रक्तदाता का रक्त कहां सदुपयोग होता है इसकी जानकारी हर रक्तदाता को हो इस व्यवस्था को पारदर्शी बनाने हेतु हर रक्तदाता कार्ड का ईमेल अलर्ट की सुविधा, तथा रक्तदाता के उत्साहवर्धन हेतु दिवाल घड़ी, और रक्तवीर समान पत्र से सुशोभित किया जा रहा है।
सबल के अरूनीश कुमार ने बताया कि संस्था के द्वारा सालो भर सामाजिक उत्थान की गतिविधियां जारी रहती है। जैसे ठंड के मौसम में तन ढको अभियान, उत्सव में बचे भोजन को उसी वक्त जरूरतमंद तक पहुंचाने हेतु सबल जनता रसोई, प्राथमिक शिक्षा हेतु एक उड़ान, प्रतियोगी परीक्षा हेतु सबल 30, क्रीड़ा क्षेत्र हेतु आरुषि कार्यक्रम, यातायात जागरूकता, गांधी विचार दर्शन एवम परीक्षा के तनाव से दूर रखने हेतु अपराजिता द एग्जाम फेस्टिवल आदि संस्था ऐसे सामाजिक उत्थान के अनेकों कार्य संस्था पूरे वर्ष करता है।
सबल कि डेहरी इकाई से नीलकमल पाण्डेय ने सभी लोगों की तरफ से आग्रह करते हुए कहा की रक्तदान के कालाबाजारी को रोकने हेतु आप स्वयं रक्तदान करें और अन्य लोगों को प्रेरित करें साथ ही साथ संकल्प लें की मुझे जब भी रक्त की आवश्यकता होगी मैं कभी रक्त नही खरीदूंगा। ना ही किसी को खरीदने को कहूंगा।
सबल सदस्य ऋतुराज ने मीडिया से बातचीत के दौरान यह कहा कि जो भी पाठक या श्रोता गण है। उनसे आग्रह है। कि अपने क्षेत्र में इस कैम्प को पहुंचाने का भगीरथ प्रयास करें। एवं उस कैंप को अयोजित कराने में जो भी संसाधन चाहिए उसकी उपलब्धता के लिए सबल से सम्पर्क करने की अपील की।
रक्तदान शिविर अमृत की बूंद 10.0 के सफल आयोजन में सर्टिफिकेट प्रबंधन में अमन कुमार, टेक्निकल डेस्क पर जीएनएसयू जमुहार से बीबीए रूलर मैनेजमेंट की छात्रा सह सबल इंटर्नी वर्षा कुमारी एवं जानवी कुमारी ने बातचीत में बताया की कैंप समापन होने तक कुल 22 लोगों के रक्तदान करने की पूरी उम्मीद है।
सबल ने डेहरी में रक्तदान शिविर का किया आयोजन, घर घर जाकर कर रहे आम लोगों को जागरुक
Leave a comment