
डिजिटल टीम, डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास)। रमजानूल मुबारक का पवित्र महीना शुरू है। रहमतों, बरकतों से भरपूर इस महीने में नन्हे मुन्ने बच्चे भी पीछे नहीं है। नन्हे बच्चे भी तेज़ धूप में रोजा रखा व नमाज भी अदा किया। रमजान का पवित्र महीना रहमतों का महीना है। रोजा हर मुसलमान पर फर्ज है। अल्लाह की इबादत बड़े तो बड़े नन्हे बच्चे भी पीछे नहीं रहते है। सासाराम के मोहल्ला चौखंडी के मरहूम मौलाना सैयद नजमुल हसन के नवासे, पिता वहीद उल हक़ के बेटा अदीब उल हक़ सात साल की उम्र में हिम्मत दिखाते हुए माहे रमजान का पहला रोजा रखा। अदीब उल हक़ को खुद के रोजा रखने का बहुत शौक था। अपने वालदेन की इजाजत लेने के बाद उसने पहला रोजा रखा और आज वक्त से अफ्तारी की। इनके रोजा रखने से परिवार में खुशी का माहौल है और मोहल्ले के तमाम लोग बच्चों के सुनहरे मुस्तकबिल के लिए दुआ दे रहे हैं।
