
डेहरी आन सोन ( रोहतास)
डालमियानगर के लक्ष्मी नारायण मंदिर में चल रहे हनुमान चालीसा ज्ञान यज्ञ के नौवे दिन उत्तर प्रदेश आजमगढ़ के मानस विदुषी अनुप्रिया पांडेय ने अपने प्रवचन में रविवार रात में नारद प्रसंग और शिव विवाह पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भक्ति की पुकार को भगवान का पहुंचना ही नारद जी का कार्य था। वह एक लोक से दूसरे लोग में भ्रमण करते हुए संवाद संकलन का कार्य कर एक सक्रियम सार्थक भूमिका निभाते रहे हैं। उन्होंने संवाद के माध्यम से भक्ति को भगवान से जोड़ने का कार्य किया। उन्हें देवताओं का दिव्यदूत और संचार का अग्रणी साधक माना गया है।उन्होंने शिव विवाह की कथा का वर्णन बहुत ही सुंदर ढंग से किया। बताया कि जब शिव बारात लेकर जाते हैं। वह खुद का रूप बूढ़े का बना लेते हैं ।उनकी बारात में भूत प्रेतो को देखकर सभी डर जाते हैं ।प्रभु का भयंकर रूप देखकर जब सभी डरने लगे तो भगवान विष्णु के आग्रह पर शिव ने सुंदर रूप धारण किया। जिसे सभी देखते ही रह गया ।उन्होंने कहा कि भगवान शिव विवाह से हमें बहुत ही शिक्षाएं मिलती हैं। जिन्हें जीवन में धारण करके जीवन को धन्य बनाया जा सकता है। भक्तिमय संगीत में श्रोता डुबकी लगाते रहे । मौके पर संजय सिंह बाला ,केशर सिंह, नरेंद्र सिंह ,शैलेंद्र प्रसाद, शिवपूजन पाठक, टुनटुन पाठक उपस्थित थे।