
रोहतास। इंडिया गठबंधन के द्वारा संविधान बदलने की बात जो कहीं जा रही है वह निराधार और काल्पनिक है। कांग्रेस ने अपने शासनकाल में कई बार संविधान में संशोधन किया और पिछड़ों को आरक्षण देने से वंचित रखा। मंडल आयोग जैसे कई आयोग के सिफारिशों को नकारा है और 2011 में देश में हुई जाति जनगणना को देश में लागू न कर वंचित व पिछड़ों के अधिकारों पर प्रहार किया है। उक्त बातें सासाराम के पूर्व विधायक सह जदयू नेता अशोक सिंह ने रविवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की देन है और इस चुनाव में शाहाबाद के सासाराम से शिवेश राम, काराकाट से उपेंद्र कुशवाहा, आरा से आरके सिंह एवं बक्सर से मिथिलेश तिवारी समेत बिहार में एनडीए चालीसो सीट पर भारी बहुमत से जीत दर्ज करेगी।
वहीं प्रेस वार्ता के क्रम में पूर्व विधायक अशोक सिंह ने काराकाट से निर्दलीय प्रत्याशी पवन सिंह की उम्मीदवारी पर तंज कसते हुए कहा कि जहां भजन होता है वहां भीड़ नहीं जुटती, लेकिन जब चांद बिजली का नाच होगा तो मेला भी फेल हो जाता है। सभी लोग मजा लेने के लिए जुटते हैं और पार्टी के एक छोटे कार्यकर्ता से भी पवन सिंह की तुलना नहीं हो सकती। उन्होंने बताया कि पवन सिंह मुखिया के चुनाव में अपने भाई को भी जीत नहीं दिला सके और उन्हें मात्र 135 वोट प्राप्त हुआ था। इसलिए पवन सिंह जैसे लोग राजनीति में पैसे की लालच में आते हैं और जब देखते हैं कि राजनीति जनता की सेवा है, तो भाग जाते हैं। वहीं आरक्षण के मुद्दे पर पूर्व विधायक ने कहा कि आरक्षण की सबसे विरोधी पार्टी कांग्रेस है। कांग्रेस जब सत्ता से दूर गई तब देश में गरीबों को आरक्षण मिला। नीतीश कुमार ने अति पिछड़ों को आरक्षण दिया और ज्यूडिशरी में पिछड़ों को आरक्षण दिया, जो आज तक किसी ने नहीं दिया। अंबेडकर के बाद अति पिछड़ों एवं पिछड़ों को अगर किसी ने आरक्षण दिया तो उसका नाम नीतीश कुमार है।मौके पर जदयू नेता रिंकू सिंह, सविता नटराज, अलख निरंजन, शिकंजय सिंह, असलम अंसारी, विनोद कुशवाहा, सिपु सिन्हा, डबलू मिश्रा, पप्पू सोनी, मुस्तफा अहमद, दीपू सिंह, ठाकुर प्रसाद कुशवाहा, अरुण सोनी, प्रेमचंद पासवान, राजेश कुमार, सतीश पासवान, रिंकू कुशवाहा, नीरज पटेल, संजय गुप्ता, सरदारपुर रणजीत सिंह, मुन्ना कुशवाहा आदि जदयू कार्यकर्ता उपस्थित रहे।