
डिजिटल टीम, डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास)। रोहतास प्रखंड के ताराडीह गांव में चल रहे रुद्र महायज्ञ में श्री श्री 1008 तपो मूर्ति योगीराज जंगली बाबा के तत्वाधान में आयोजित कथा के तीसरे दिन पंडित सुरेश शास्त्री ने शिव विवाह प्रसंग पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भगवान शिव क बारात में सभी प्रकार के बाराती थे। परंतु भगवान शिव वस्त्र नहीं पहने थे ।शिव का स्वरूप ही कल्याणमय है । अमंगल वेश वाले भगवान शिव सबसे बड़े मंगल प्रदान करने वाले हैं। उन्होंने शिव विवाह प्रसंग की चर्चा करते हुए कहा कि ना तो छोटा परिवार और नहीं बड़ा परिवार होने से वह परिवार सुखी रह सकता है । अगर किसी का भी परिवार में संस्कार आ जाए तो सिर्फ वह परिवार ही सुखी हो सकता है। भगवान शिव विश्वास स्वरूप है शिव तत्व की अवहेलना करने वाला मनुष्य राम तत्व से ही विमुख हो जाता है । कहा कि भगवान शिव ही काम क्रोध मोह लोभ रूपी त्रिपुर को मारने वाले हैं। शिव तत्व की ही अवहेलना कर सती राम तत्व से विमुख हो गई । जो संसार से संतुष्ट है वह दरिद्र है परंतु जो भगवान से संतुष्ट है वह सुखी है । भगवान के चरणों में पहुंचने का सर्वोत्तम साधन दीनता है । दीनता के साथ सर्वतो भाव समर्पण के द्वारा व्यक्ति सब कुछ प्राप्त कर लेता है और उसे मुक्ति भी मिल जाती है। संगीतमय कथा के दौरान उन्होंने- तरह-तरह के सजी बाराती छाई खुशी अपार ,पार्वती जी को ब्याहन चले त्रिपुर। जैसे भजन प्रस्तुत करने पर श्रोता भक्त झूम उठे। बनारस से आए विद्वानों ने शिव महिमा की चर्चा किया। मौके पर कमेटी के अध्यक्ष भोला यादव, सुनील यादव, शिव कुमार यादव, सुमेर यादव, आशीष यादव, उपेंद्र यादव, रविंद्र यादव, बबन यादव, पृथ्वी यादव, अशोक यादव, दिनेश उरांव, सूर्य देव सिंह, राम लायक उरांव एवं काफी संख्या में श्रद्धालुओं के भीड़ उमड़ी।