डिजिटल टीम, औरंगाबाद।
देशभर में एक जुलाई से लागू हो रहे नए आपराधिक कानूनों को लेकर पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इसी के मद्देनजर पुलिस अधीक्षक स्वप्ना गौतम मेश्राम के निर्देश पर आज नगर भवन में पुलिस पदाधिकारियों एवं कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया। इन तीन नये प्रमुख कानूनों का मकसद सजा देने की बजाय न्याय देना है, जैसे साइबर अपराध के मामलों में बढ़ोतरी हुई है, जबकि पुराने कानूनों में साइबर अपराधों के लिए कोई प्रावधान नहीं था। नये कानून में इसके लिए व्यवस्था की गयी है। इन नये कानूनों में सूचना प्रौद्योगिकी के साथ ही फॉरेंसिक लैब की स्थापना पर बल दिया गया है। इन कानूनों में इ-रिकॉर्ड का प्रावधान किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत जीरो एफआइआर, इ-एफआइआर और चार्जशीट डिजिटल होंगे।इसके अलावा पीड़ित को 90 दिनों के भीतर सूचना प्रदान की जायेगी और सात साल या उससे अधिक की सजा के प्रावधान वाले मामलों में फॉरेंसिक जांच अनिवार्य होगी। पुलिस अधीक्षक स्वप्ना गौतम मेश्राम ने बताया कि इन नये कानूनों के तहत थाने से कोर्ट तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इसके अंतर्गत देश में एक ऐसी न्यायिक प्रणाली स्थापित होगी जिसके जरिए तीन वर्षों के भीतर न्याय मिल सकेगा। इसके लिए 35 धाराओं में न्याय प्रक्रिया का समय सीमा निर्धारित किया गया है और इलेक्ट्रॉनिक तरीके से शिकायत दायर करने के तीन दिन के भीतर एफआइआर दर्ज करने का प्रावधान है, साथ ही यौन उत्पीड़न के मामलों में सात दिन के भीतर जांच रिपोर्ट देना अनिवार्य होगा।