बोल बम व हर हर महादेव के जयकारे से गूंज रही कैमूर की वादी
चेनारी: रोहतास। चेनारी प्रखंड के कैमूर पहाड़ी की ऐतिहासिक गुप्ताधाम की गुफा में अवस्थित पवित्र शिवलिंग पर सावन की दूसरी सोमवारी पर आस्था की भीड़ उमड़ पड़ी है। लगभग एक लाख लोग जलाभिषेक के लिए पहुंचे हैं। जलाभिषेक करने वाले कांवरियों को गुफा में प्रवेश करने में भारी परेशानी हो रही है।हालांकि काफी संख्या में भक्त सुबह 10 बजे तक सुरक्षित दर्शन कर लिए हैं। कुदरा-चेनारी मल्हीपुर पथ व शिवसागर-चेनारी पथ होते वाहन से आने वाले श्रद्धालु उगहनी घाट व बेदा-आलमपुर पथ होते मां पनियारी घाट के पथरीली रास्ते पर पैदल चलते हुए तथा दोपहिया-चारपहिया वाले भक्त दुर्गावती जलाशय होते हुए वन पथ से श्रद्धालु गुप्ताधाम पहुंचे हैं। इन दिनों शिवभक्तों के बोल बम और हर हर महादेव के जयकारे से कैमूर की वादी गुंजायमान हो रही है। श्रद्धालु धाम की कुछ दूरी पर स्थित सीता कुंड में स्नान कर गुफा में पवित्र शिवलिंग पर जलाभिषेक कर पूजा अर्चना कर रहे हैं। गुप्ताधाम जाने वाले प्रत्येक रास्ते में पुलिस की भारी संख्या में तैनाती हुई है। गुप्ताधाम विकास समिति के सदस्यों द्वारा उन्हें कतारबद्ध कराकर दर्शन कराया जा रहा है, हालांकि भारी भीड़ के कारण यह संभव नहीं हो रहा है। गुप्ताधाम विकास समिति के उपाध्यक्ष राम बचन सिंह खरवार ने बताया कि जेनरेटर से गुफा के अंदर रोशनी व आक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की गई है।
भस्मासुर के कारण यही छिपे थे महादेव:
गुप्तेश्वर धाम की गुफा में स्थित भगवान शिव की महिमा का वर्णन आदिकाल से है। किवदंतियों के अनुसार कैलाश पर्वत पर मां पार्वती के साथ विराजमान भगवान शिव ने भस्मासुर की तपस्या से खुश होकर उसे किसी के सिर पर हाथ रखते ही भष्म करने का वरदान दिया था। मान्यता है कि भस्मासुर शिव से मिले वरदान की परीक्षा लेने उन्हीं के सिर पर हाथ रखने के लिए दौड़ा। जहां से भाग कर भगवान भोलेनाथ इसी गुफा के गुप्त स्थान में छिपे थे। भगवान विष्णु से शिव की यह विवशता देखी नहीं गई, तब उन्होंने मोहिनी रूप धारण कर भस्मासुर का नाश किया था। जिसके बाद गुफा के अंदर छिपे भोलेदानी बाहर निकले थे। तभी से इस स्थान को गुप्ताधाम कहा जाता है। शाहाबाद गजेटियर में कहा गया है कि यह धाम अतिप्राचीन व आस्था का केंद्र है। यहां जल चढ़ाने के लिए काफी संख्या में भक्त बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और नेपाल से आते हैं।
दुर्गम हैं पहुंचने के रास्ते :
रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम से 65 किमी की दूरी पर कैमूर पहाड़ी की गोद में स्थित इस गुफा में पहुंचने के लिए रेहल, पनारी घाट और उगहनी घाट से पहुंचने का पथरीली रास्ते हैं, जो दुर्गम हैं।