डिजिटल टीम, डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास)। सासाराम (रोहतास) जिलाधिकारी नवीन कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को जिला कृषि कार्यालय के कार्यों तथा जिला कृषि टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक आहूत की गई। समीक्षा बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता सहित संबंधित विभागों के अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि अनुमंडल पदाधिकारी की अध्यक्षता में एक साप्ताहिक बैठक बुलाई जाएगी। जिसमें अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, अंचलाधिकारी एवं प्रखंड कृषि पदाधिकारी शामिल होंगे। इस साप्ताहिक बैठक का उद्देश्य यह जानना होगा कि किसी रिटेलर को कितने उर्वरक की आवश्यकता है। किसानों को उर्वरक सही समय पर और आसानी से उपलब्ध हो पा रहा है या नहीं तथा कृषि एवं सिंचाई में कोई समस्या तो नहीं आ रही है। इन बैठकों का अनुश्रवण अनुमंडल पदाधिकारी करेंगे तथा प्रतिवेदन जिला कृषि पदाधिकारी देंगे। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि 25 अगस्त को सभी अंचलाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी उर्वरक के खुदरा विक्रेताओं के पास जाकर किसानों से उर्वरक के दर के बारे में पूछेंगे। अगर उर्वरक किसानों को ऊंची दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है तो फिर संबंधित पदाधिकारी छापा मारेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे। इन कार्यों का अनुश्रवण अनुमंडल पदाधिकारी करेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि कृषि, शिक्षा एवं स्वास्थ्य बिहार सरकार के मूल विभाग हैं। ये विभाग पंचायत स्तर तक काम कर रहे हैं। अतः ऐसे में आमजनों के लिए चलाई जा रही योजनाओं से जुड़े मामले पेंडिंग नहीं रहने चाहिए। उन्होंने कृषि संबंधी योजनाओं के पेंडिंग मामलों को पंचायतवार डेटा संकलित कर उसे शीघ्र निपटान करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह काम प्रखंड कृषि पदाधिकारी के माध्यम से संपन्न कराने का निर्देश दिया और उन्होंने कहा कि 10 दिनों के अंदर कार्य संपन्न नहीं होने पर संबंधित पदाधिकारी का वेतन काटा जाएगा। जिलाधिकारी ने कृषि विभाग द्वारा जिले भर में जहां-जहां पिट कंपोज्ड (जैविक खाद) बनाए जा रहे हैं, उसकी सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने ऑर्गेनिक फार्मिंग के जरिए जिले भर में क्या-क्या उत्पादन किया जा रहा है और कहां-कहां क्या बिक रहा है, इसके बारे में पूरी सूचना उपलब्ध कराने का भी जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने ऑर्गेनिक फार्मिंग के जरिए पैदा होने वाले फल-सब्जियों को मार्केट बनाकर बिक्री करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे मार्केट की व्यवस्था उन जगहों पर की जानी चाहिए जहां लोग सुबह-शाम टहलने जाते हैं। उदाहरण के तौर पर उन्होंने कहा कि नेहरू पार्क के पास एक गुमटी लगाकर उसमें कृषि विभाग द्वारा ऑर्गेनिक फार्मिंग के उत्पादों की उपलब्धता बिक्री के लिए की जा सकती है।
जिलाधिकारी ने जिन-जिन पंचायत में अभी भी सिंचाई के लिए पानी की समस्या बनी हुई है, उससे संबंधित प्रतिवेदन जल्द से जल्द प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने जहां मोटे अनाज (मिलेट्स) की खेती की जा रही है, उससे संबंधित प्रतिवेदन भी जमा करने का निर्देश दिया। उन्होंने चेनारी, नौहट्टा, रोहतास, तिलौथू प्रखंड में मिलेट्स, स्ट्रॉबेरी और अमरूद की खेती की संभावना पर काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि एक समय था जब मगध और शाहाबाद का क्षेत्र मिलेट्स की खेती के लिए जाना जाता था। इसे एक बार फिर से पुनर्जीवित किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने ड्रैगन फ्रूट्स और अंजीर की खेती की संभावनाओं को भी तलाशने का निर्देश दिया।
कृषि पदाधिकारी द्वारा प्रस्तावित बिक्रमगंज में किसान मेले के आयोजन को जिलाधिकारी ने सहमति दे दी है। आगामी सितंबर माह में किसान मेले का आयोजन किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कृषि यंत्र-संयंत्रों के लिए भी एक मेले के आयोजन का निर्देश दिया, जहां 300 से 400 किसानों को बुलाकर उनके बीच कृषि यंत्रों का वितरण किया जाए। जिलाधिकारी ने विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया कि वह पंचायतवार कृषि फीडर की रिपोर्ट प्रस्तुत करें, जिसमें कितने किसानों से सिंचाई के लिए बिजली आवेदन जमा किया गया है। कितनों का कनेक्शन मिल गया है और कितने पेंडिंग हैं।