लालू अपने भ्रष्टाचार को राजनीतिक कवर देकर भी कानून से नहीं बच सकेंगे: मंगल
’लालू देश के पहले ऐसे राजनेता जिनके परिवार के आधा दर्जन सदस्य भ्रष्टाचार का आरोपी
पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पाण्डेय ने कहा है कि लालू प्रसाद अपने भ्रष्टाचार को राजनीतिक कवर देने की लाख कोशिश करें मगर कानून के शिकंजे से बच नहीं पाएंगे। चारा घोटाले के पांच मामलों में सजायाफ्ता लालू प्रसाद देश के इकलौते ऐसे राजनेता हैं जिनके परिवार के आधा दर्जन सदस्य भ्रष्टाचार के मामले में आरोपित है। लैंड फॉर जॉब स्कैम में सोमवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेशी के बाद मिली जमानत इन सबके बेगुनाही का प्रमाणपत्र नहीं है। श्री पाण्डेय ने कहा कि चार्जशीट में जांच एजेंसी ने स्पष्टतौर पर बताया है कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार ने रेलवे में नौकरी देने के नाम पर लोगों से रिश्वत के तौर पर जमीन के प्लॉट लिए थे। आरोप है कि अपराध से अर्जित जमीन पर लालू प्रसाद यादव के परिवार का कब्जा है। यही नहीं लालू प्रसाद ने घोटाले की साजिश इस तरह रची कि अपराध से अर्जित जमीन पर कंट्रोल तो उनके परिवार का हो, लेकिन जमीन सीधे इनसे और परिवार से लिंक ना हो पाए।प्रोसीड ऑफ क्राइम यानी अपराध से अर्जित आय और सम्पत्ति को खपाने के लिए कई इकाइयां (शेल कंपनियां) खोली गईं और उनके नाम पर जमीन दर्ज कराई गई।
उन्होंने कहा कि ईडी के मुताबिक, सीबीआई द्वारा साजिश की जांच के दौरान खुलासा हुआ कि रेलवे में नौकरी के नाम पर 6 फरवरी 2008 को पटना के किशुन देव राय ने अपनी जमीन काफी कम कीमत पर राबड़ी देवी के नाम कर दी। यानी 3,375 वर्ग फीट जमीन सिर्फ 3.75 लाख रुपए में राबड़ी देवी को बेच दी। साथ ही इसी साल परिवार के 3 लोगों राज कुमार सिंह, मिथिलेश कुमार और अजय कुमार को मध्य रेलवे मुंबई में ग्रुप डी के पद पर नौकरी मिल गई। इसी प्रकार फरवरी 2008 में पटना के महुआबाग के संजय राय ने भी सिर्फ 3.75 लाख रुपए में 3,375 वर्ग फीट जमीन राबड़ी देवी को बेच दी। संजय राय के अलावा परिवार के 2 अन्य सदस्यों को रेलवे में नौकरी मिल गई।
श्री पाण्डेय ने कहा कि पटना की रहने वाली किरण देवी ने नवंबर 2007 में सिर्फ 3.70 लाख रुपए में अपनी 80,905 वर्ग फीट जमीन लालू यादव की बेटी मीसा भारती को बेच दी। इसके बाद 2008 में सेंट्रल रेलवे मुंबई में किरण देवी के बेटे अभिषेक कुमार को नौकरी मिल गई। फरवरी 2007 में पटना निवासी हजारी राय ने अपनी 9,527 स्क्वायर फीट जमीन दिल्ली की कंपनी एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को 10.83 लाख रुपए में बेच दी। बाद में हजारी राय के 2 भतीजों दिलचंद कुमार और प्रेम चंद कुमार को वेस्ट-सेंट्रल रेलवे जबलपुर और साउथ-ईस्टर्न रेलवे कोलकाता में नौकरी मिल गई। शेल कम्पनी एके इंफोसिस्टम के सभी अधिकार और संपत्ति साल 2014 में लालू प्रसाद की बेटी और पत्नी को दे दिए गए थे। राबड़ी देवी ने 2014 में कंपनी के ज्यादातर शेयर खरीद लिए और बाद में कंपनी की सारी संपत्ति की मालकिन बन गई।
श्री पाण्डेय ने कहा कि विशुन देव राय ने मार्च 2008 में अपनी 3,375 वर्ग फीट की जमीन सीवान निवासी ललन चौधरी को दे दी। ललन के पोते पिंटू कुमार की साल 2008 में वेस्टर्न रेलवे मुंबई में नौकरी लग गई। इसके बाद ललन चौधरी ने फरवरी 2014 में इस जमीन को हेमा यादव को हस्तांरित कर दिया। इस प्रकार रेलवे में नौकरी देकर लालू प्रसाद ने अपने परिवार के लिए पटना और आस-पास के इलाके में 1 लाख वर्गफीट से ज्यादा जमीन हासिल कर ली।