डिजिटल टीम, पटना। सरकारी नौकरी की चाह किसे नहीं होती। लेकिन नौकरी मिलने के बाद वेतन के लिए लंबा इंतजार सब्र का बांध तोड़ता तो हैं। कैडर और वेतनमान एक अधिकारी का है। लेकिन सुविधाएं के नाम पर हो रहा दोहन उन्हें मानसिक तौर पर व्यथित करता है। बिहार के नगर निगम व नगर परिषद में सेवा दे रहे सहायक लोक स्वच्छता एवं अपशिष्ट प्रबंधन पदाधिकारी अपना दुखड़ा किसी को नहीं सुना सकते हैं। नियुक्ति के महीनों के बाद भी उन्हें ना कमरा या केबिन मिल सका और ना ही सही तरीके से टेबल-कुर्सी। नवगठित इस कैडर में 200 से ज्यादा अधिकारियों की नियुक्ति प्रदेश के नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायतों में हुई है। इसके बावजूद कार्यालय में बेसिक सुविधाओं का अभाव है। आलम है कि कई अधिकारी शर्म से शिकायतें भी नहीं कर पाते।सम्मान या अधिकार दूर की बात है। बताते हैं कि कई जगहों पर बाथरुम के बगल में एक छोटा सा कमरा आवंटित किया गया है। अब जाकर नगर विकास विभाग को इन अधिकारियों का ध्यान आया है। विभागीय उपसचिव ने 9 सितंबर को लिखे एक पत्र में इन्हें सुविधाएं देने को कहा है। नोडल अधिकारी को बैठने के लिए कमरा या केबिन, टेबल, कुर्सी, आलमीरा, कम्प्यूटर, प्रिंटर, वेब कैमरा, इंटरनेट की सुविधाएं देने का आदेश जारी हुआ है। नियुक्ति के बाद अधिकार से वंचित इन अधिकारियों को अब जाकर संचिका मिलेगी। जिसके माध्यम से विभागीय कार्यों की ये देख रेख कर सकेंगे।