डिजिटल टीम, नई दिल्ली। कस्तूरी द्वारा आयोजित कार्यक्रम भावंजलि में स्वर्गीय फूलचंद यादव जी को उनकी रचना “एक थी चिड़िया” के माध्यम से याद किया गया। कार्यक्रम का आयोजन साहित्य अकादमी, रवींद्र भवन, नई दिल्ली में किया गया।कार्यक्रम का प्रारंभ कस्तूरी संस्था की अध्यक्ष दिव्या जोशी ने स्वागत वक्तव्य से किया, जिसमें उन्होंने एक पुत्र द्वारा पिता को याद रखने और उनके दिये संस्कारों को पल्लवित करने की बात कही। उसके बाद डॉ. महाशेर हुसैन ने फूलचंद जी की कविता युवा का पाठ किया। भाषा विज्ञानी कमलेश कमल ने अपने वक्तव्य में पुस्तक का परिचय देते हुए फूलचंद जी की दृष्टि को रामचरितमानस से जोड़ा। फूलचंद यादव जी सुपुत्र सुभाष यादव जी ने बेहद आत्मीय वक्तव्य दिया, जिसमें उन्हें बताया कि उनके पिता ने बचपन से ही कितनी सुंदर शिक्षा और संस्कार दिये।
कल्पना मनोरमा जी ने अपने वक्तव्य में शब्दों की ध्वनि पर बात की और इस रचना की आठों कविताओं पर बात करते हुए कहा कि ये रचना नैतिक मूल्यों को स्थापित करने का काम करती है। दूसरी वक्ता वंदना यादव जी ने कविताओं का विश्लेषण करते हुए बताया कि यह कविताएँ हर उम्र के लोगो के लिए हैं और इनमें दूर दृष्टिता है। मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. संध्या वात्स्यायन जी ने पुस्तक पर सारगर्भित व्याख्यान देते हुए बताया कि फूलचंद जी की रचनाओं में प्रभु श्री राम के प्रति आस्था दिखाई देती है और उनकी कविताएं देश प्रेम, प्रकृति प्रेम और नैतिक मूल्यों को लेकर आगे चलती हैं।
अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ बाल साहित्यकार दिविक रमेश जी ने इन कविताओं को सर्वश्रेष्ठ कविताओं की श्रेणी में रखते हुए कहा कि आज बाल साहित्य को ऐसी रचनाओं की आवश्यकता है। और उम्मीद जताई कि आगे भी फूलचंद जी की रचनाएँ प्रकाशित की जायेंगी। धन्यवाद ज्ञापन साहित्य अध्येता आदित्य नाथ तिवारी ने किया। संचालन साहित्य एवं कला अध्येता विशाल पाण्डेय ने किया।