डिजिटल टीम, डेहरी ऑन सोन। मारवाड़ी समाज का सबसे बड़ा त्यौहार रानी सती दादी का दो दिवसीय जन्मोत्सव मंगलसिर उत्सव के रूप में छप्पन भोग के चढ़ावे के साथ रविवार देर रात स्थानीय रानी सती मंदिर के झुंझुनू धाम में सम्पन्न हो गया। समाज के अध्यक्ष पवन झुनझुनवाला के अनुसार पौराणिक इतिहास के मुताबिक महाभारत के युद्ध में चक्रव्यूह में वीर अभिमन्यु वीरगति को प्राप्त हुए थे। उतरा जी को भगवान श्री कृष्णा वरदान दिया था कि तू कलयुग में नारायणी के नाम से श्री सती दादी के नाम से विख्यात होगी ।और हर किसी का कल्याण करेगी और पूरी दुनिया में पूजी जाएगी। इस वरदान के स्वरूप श्री रानी सती जी का 718 वर्ष सन 1352 सती मैंगसीर आदि नवमी को सती हुई थी। ।जिसे समाज उत्सव के रूप में मनाता है। दादी रानी सती मंदिर को जन्मोत्सव पर आकर्षक ढंग से फूलों से सजाया गया।
जयपुर से पधारी मंगल कथा वाचिका मंजू शर्मा व कृष्णा यदुवंशी संगीतमय मंगल पाठ किया। कोलकाता से आए कलाकारों प्रकाश ओडेजा,पवन अग्रवाल व बिनोद शर्मा ,कुलदीप निर्मल ने मंगल पाठ में दादी के जन्म से लेकर सती होने तक झांकी द्वारा कहानी प्रस्तुत किया।छप्पन भोग के साथ उत्सव सम्पन्न हो गया । रविवार को दादी के मंदिर में ज्योत जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई ।उत्सव में राज्य के अलावा झारखंड,छत्तीसगढ़,बंगाल व उत्तरप्रदेश के श्रद्धालु भी भारी संख्या में भाग लेने पधारे थे । कार्यक्रम संयोजक मंडली में संत शर्मा, वेद शर्मा ,बंटी चमडिया, मीना झुनझुनवाला, कन्हैया झुनझुनवाला, डॉ शालू झुनझुनवाला, मोहित अग्रवाल, वेद शर्मा, ज्ञान शर्मा, चंदन शर्मा, पीयूष अग्रवाल समेत अन्य मौजूद थे ।