डिजिटल टीम, डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास)। इंद्रपुरी स्थित अमलतास कॉलेज ऑफ़ एजूकेशन में ‘राष्ट्रीय गणित दिवस’ की पूर्व संध्या पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रंजीत सिन्हा, ट्रस्टी सलोनी सिन्हा एवं शिक्षकगणों द्वारा सामूहिक दीप-प्रज्वलन के साथ किया गया। संपूर्ण कार्यक्रम दो सत्रों में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में कार्यक्रम संयोजक एवं महाविद्यालय के गणित शिक्षण-शास्त्र के प्राध्यापक अभिषेक कुमार पाठक ने महान गणितज्ञ रामानुजन के जीवन से प्रशिक्षुओं को प्रेरणा लेने की बात कहते हुए गणित दिवस मनाए जाने की प्रासंगिकता पर चर्चा की। सहा० प्राध्यापक शशि कुमार शेखर ने ‘भारतीय ज्ञान परम्परा में संख्या पद्धति के ऐतिहासिक विकास’ की विस्तार से चर्चा की। तत्पश्चात रामानुजन के जीवन पर आधारित वीडियो का पॉवर प्वाइंट प्रजंटेशन किया गया तथा प्रशिक्षुओं से वीडियो आधारित प्रश्न-सत्र का आयोजन किया गया। बी.एड. प्रशिक्षु ज्योति माला के द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। सम्पूर्ण कार्यक्रम का मंच संचालन डी.एल.एड. प्रशिक्षु सादिया खानम द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में प्रशिक्षुओं द्वारा गणित के विभिन्न विषयों पर आधारित प्रोजेक्ट का प्रस्तुतीकरण किया गया। डी.एल.एड. के हिना फिरदौस की टीम द्वारा वृत्त, जियाउल हक की टीम द्वारा ज्यामितीय पार्क, प्रियांशु कमल की टीम द्वारा बीजगणितीय सूत्र प्रारूप, नौशीन निशात की टीम द्वारा आरोही अवरोही प्रारुप एवं शिम्भी कुमारी की टीम द्वारा प्रायिकता पर आधारित प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए गए। बी.एड. के चन्दा कुमारी की टीम ने कोण योजना, इन्द्रजीत की टीम ने थ्री-डी-ज्यामिति, पूजा कुमारी की टीम ने निर्देशांक ज्यामिति, सहदेव की टीम ने पाईथागोरस एवं वंदना कुमारी की टीम द्वारा त्रिकोणमिति पर आधारित प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए।
सभी प्रशिक्षुओं के प्रोजेक्ट को अतिथियों, प्रबंधन एवं शिक्षकों द्वारा खूब सराहा गया।
सम्पूर्ण कार्यक्रम के सफल आयोजन में सहा० प्राध्यापक रोशन कुमार, जगमोहन चौधरी, पृथ्वी राज, अखिलेश कुमार श्रीवास्तव, राजेश्वर विश्वकर्मा, निरूपमा कुमारी सहित सुमंत पाण्डेय, नन्दू कुमार,विद्या सागर आदि की अलग अलग भूमिकाओं में विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम बी.एड. एवं डी.एल.एड. के प्रशिक्षुओं के विचार अभिव्यक्ति कौशल, टी.एल.एम. निर्माण एवं प्रदर्शन के साथ व्यक्तित्व विकास के उद्देश्यों पर आधारित रहा।