
कार्यालय संवाददाता, डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास)। रोहतास जिले के डेहरी शहर के पाली रोड स्थित आदित्यालय किड्स थेरेपी और वैलनेस सेंटर में आज एक दिवसीय पैरेंटल ट्रेनिंग दी गई। जिसमें लगभग 50 विशेष बौद्धिक क्षमता वाले बच्चे, लगभग 20 दिव्यांगों बच्चों को अपने दैनिक जीवन में तेजी से सुधार लाने की प्रक्रिया और उनके रोग एवं परेशानियों के प्रति जागरूक किया गया। डॉ.निषाद ने बताया कि लगभग हर 2000 बच्चों में से एक बच्चा कहीं ना कहीं इस तरह की बीमारियों से ग्रसित है। जिले में इनकी तादाद सैकड़ो में है। बताया कि कुछ बीमारियां जैसे जो बच्चे जन्म से नहीं बोल पाते हैं,सुन नहीं पाते हैं, पेरेंट्स का बात नहीं मानते हैं,बुलाने पर भी नहीं आते और अपने या किसी और को हानि पहुंचाते रहते हैं। ऐसे बच्चों को एडीएसडी और ऑटिज्म की समस्याएं हो सकती है साथ ही साथ जो बच्चे जन्म से चलने फिरने में असमर्थ है। उन बच्चों को सेरेब्रल पाल्सी के नाम से जाना जाता है। ऐसे बच्चों के लिए इलाज से पहले जागरूकता बहुत जरूरी है,ताकि समय रहते इनका इलाज हो जाए।
उन्होंने कहा पाली रोड में स्थित विद्यालय किड्स थेरेपी एंड वैलनेस सेंटर में ऑक्यूपेशनल थेरेपी, स्पीच थेरेपी,फिजियोथैरेपी और स्पेशल एजुकेशन के साथ कई तरह के थेरेपी उपलब्ध कराई है। डॉक्टर निषाद का मानना है की जल्दी इस तरह के थेरेपी मदद से बच्चों में सुधार किया जा सकता है। इस मौके पर डॉ सिम्पी ने बताया कि आज की इस नई इलेक्ट्रॉनिक दुनिया में मोबाइल का उपयोग बच्चों के बौद्धिक विकास को काफी तेजी से नुकसान पहुंचा रहा है ऐसे में परिवारों को बच्चों को मोबाइल न देने का सुझाव दिया गया। मौके पर आदित्यलय के टीम अंबालिका पांडे, निशा पाण्डेय, सिद्धि, चंचल, शिवम् सिन्हा, स्नेहा, विक्की सोनी, पूजा सिंह, अनुष्का, उर्मिला देवी सहित अन्य लोग मौजूद थे।