
काठमांडू, 09 अप्रैल (हि.स.)। बिम्सटेक देशों के कृषि मंत्रियों की बैठक में कृषि क्षेत्रों के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों का समाधान करते हुए कृषि, पशुधन और मत्स्य पालन में क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। बुधवार को काठमांडू में संपन्न हुई बैठक में शामिल होने के लिए भारत के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित सभी सदस्य देशों के कृषि मंत्री काठमांडू में हैं।
नेपाल के कृषि मंत्रालय ने एक बयान में बिम्सटेक देशों के कृषि मंत्रियों की बैठक के बारे में बताया कि कृषि सचिव डॉ. गोविंद प्रसाद शर्मा की अध्यक्षता में 8 अप्रैल को बिम्सटेक कृषि सहयोग कार्य योजना (2025-2027) के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करने के साथ ही सदस्य देशों में चल रहे कार्यक्रमों का आकलन किया गया। बैठक के दौरान किए गए प्रमुख समझौतों में एक क्षेत्रीय खाद्य रिजर्व और एक क्षेत्रीय बीज बैंक की स्थापना शामिल है। सदस्य देशों ने कृषि व्यापार और क्षमता निर्माण पहलों को बढ़ावा देने के लिए भी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
भारत ने कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा स्थापित करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया। बैठक में पशुधन और मत्स्य पालन में सहयोग के लिए एक नई कार्य योजना को भी मंजूरी दी गई। बैठक में कृषि विकास ढांचे के तहत संभावित गतिविधियों का पता लगाया गया, जिसमें जून, 2025 में नेपाल में माउंटेन एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी वर्कशॉप की योजना और श्रीलंका में क्लाइमेट-स्मार्ट कृषि केंद्र की स्थापना शामिल है।
बैठक से इतर नेपाल और भारत ने कृषि अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास, फसल उत्पादन, बाजार पहुंच, व्यापार, फसल संरक्षण, सिंचाई और जैविक खेती में सहयोग बढ़ाने के लिए एक मंत्रिस्तरीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। आपसी हितों पर द्विपक्षीय वार्ता के बाद भारत के कृषि, किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस समझौते को औपचारिक रूप दिया।
इसी तरह, नेपाल और भूटान ने जैविक खेती अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास, जलवायु के अनुकूल कृषि प्रणालियों, आनुवंशिक संसाधन विनिमय और कृषि और पशुधन के व्यापार में सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए द्विपक्षीय चर्चा की।