
आगरा, 17 अप्रैल:
विश्व धरोहर दिवस (18 अप्रैल) के अवसर पर, आगरा हेरिटेज ग्रुप ने एक बार फिर आगरा को “ग्लोबल हेरिटेज सिटी” का दर्जा दिए जाने की मांग दोहराई है। समूह ने जोर देकर कहा कि ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी जैसे तीन यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों के साथ-साथ ऐतिहासिक स्मारकों और सांस्कृतिक परंपराओं की समृद्ध विरासत होने के बावजूद, आगरा को यह प्रतिष्ठित दर्जा अभी तक नहीं मिला है।
अपने प्रयासों के तहत, कोरल ट्री होमस्टे में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रमुख विरासत कार्यकर्ता श्री ब्रज खंडेलवाल, डॉ. मुकुल पांड्या, श्री गोपाल सिंह और श्री मेहरान उद्दीन ने भाग लिया। उपस्थित लोगों ने आगरा की समृद्ध विरासत के सामने मौजूद चुनौतियों पर चर्चा की और शहर की वास्तुकला, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रखने के लिए समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।
आगरा हेरिटेज ग्रुप के सदस्यों ने चिंता जताई कि अतिक्रमण बढ़ने, यमुना की बिगड़ती हालत और स्थानीय लोगों में अपनी विरासत के प्रति जागरूकता की कमी के कारण इस ऐतिहासिक शहर की पहचान धीरे-धीरे खत्म हो रही है।
बृज खंडेलवाल ने पूछा “अगर जयपुर और अहमदाबाद जैसे शहरों को उनकी सांस्कृतिक विरासत के आधार पर विश्व धरोहर शहर का दर्जा मिल सकता है, तो आगरा क्यों पीछे रहे? ताजमहल का शहर सिर्फ एक पर्यटन केंद्र नहीं, बल्कि भारत की समग्र संस्कृति का एक अनूठा उदाहरण है।”
*यमुना की हालत पर चिंता*
डॉ मुकुल पांड्या ने यमुना नदी की स्थिति पर भी चिंता जताई , जो कभी आगरा की जीवनरेखा हुआ करती थी, लेकिन अब प्रदूषण और उपेक्षा का शिकार है। इसका सीधा असर आगरा की विरासत और पर्यावरण दोनों पर पड़ रहा है।
*आगरा हेरिटेज ग्रुप की मांगें क्या हैं?*
– आगरा को “हेरिटेज सिटी” का दर्जा दिया जाए।
– यमुना की सफाई और संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
– पुरानी इमारतों और बाजारों का पुनरुद्धार किया जाए।
– नागरिकों में अपनी विरासत के प्रति गर्व और जिम्मेदारी की भावना जगाई जाए।
– विरासत-आधारित पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए।
समूह ने केंद्र और राज्य सरकारों से इस दिशा में त्वरित और ठोस कार्रवाई करने का आग्रह किया है, ताकि आगरा आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सांस्कृतिक धरोहर बना रहे।